सफल रहा प्रयोग
स्पेशा तथा बबल्सीपेप इंस्टूमेंट का प्रयोग कुछ मरीजों पर भी किया गया जिसका परिणाम सकारात्मक मिला है। कुछ विभागीय प्रक्रिया के बाद इसे तैयार करने के लिए अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण दिया जा सकता है। ये इंस्टूमेंट उपयोग में बेहद आसान और किफायती हैं।
ऐसे काम करता है बबल्सीपेप
जुगाड़ से बना बबल्सीपेप ऑक्सीजन सिलेंडर से जोड़ा जाता है, जिसमें लगे एक यंत्र से फ्लो देखा जाता है। इसके बाद नली को मरीज की नाक में डाला जाता है। जहां से उसे ऑक्सीजन मिलती है तथा एक ग्लूकोस की बॉटल में पानी भरकर ऑक्सीजन का प्रेशर परीक्षण किया जाता है। जबकि ढाई लाख के यंत्र की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटराइजड होती है। इसमें काफी खर्च होता है, लेकिन जुगाड़ के यंत्र में यह किफायती है।