लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत प्रदेश सरकार ने शासकीय और निजी हायर सेकण्डरी स्कूलों में अध्ययनरत छात्राओं के निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का निर्णय लिया था। जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द्र चौरागढे के निर्देश पर स्कूल के प्राचार्यों ने इच्छुक छात्राओं के ऑनलाइन सारथी एप के माध्यम से लर्निंग लाइसेंस बनवाए। मार्च और अप्रैल माह में 1 हजार छात्राओं के अस्थाई लाइसेंस बनाए गए थे। किन्तु निर्धारित समय सीमा में अस्थाई को स्थाई लाइसेंस में तब्दील करने के लिए छात्राओं व स्कूलों के माध्यम से आवेदन अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में जमा नहीं किए गए। कुल 50 छात्राओं के आवेदन स्थाई के लिए पहुंचे थे जिन्हें लाइसेंस मिल चुका है। शेष 950 निरस्त कर दिए गए हैं, क्योंकि छह माह की अवधि पूर्ण हो चुकी है। जबकि विगत माह में 45 अस्थाई लाइसेंस जारी किए गए हैं। समय रहते स्थाई के लिए आवेदन कार्यालय में जमा किया जाता है तो ठीक अन्यथा इनका भी वही हाल होगा। सरकार को आंकड़ों की बाजीगरी दिखाने के चक्कर में योजना का पूरा लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे करें आवेदन
पहली बार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए सारथी एप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आधार कार्ड, दसवीं कक्षा की अंक सूची, स्थाई मूल निवास का प्रमाण पत्र एवं दो पासपोर्ट साइज फोटो स्कैन कर एप में अपलोड करना होगा। कुछ समय के भीतर लर्निंग अर्थात अस्थाई लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा। इसकी एक फोटो कॉपी के साथ छह माह की अवधि में आवेदन अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में करें। यहां फोटों खींचेगी और उसके करीब पांच से सात दिन के भीतर स्थाई लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा।
स्थाई करवाना भूल जाते हैं
अस्थाई के बाद में तय समय सीमा में स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं करने के चलते ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। हमारे मध्यम से यह प्रक्रिया नहीं की गई थी।
-निशा चौहान, एआरटीओ, छिंदवाड़ा
अस्थाई लाइसेंस बनवाए हैं
स्कूलों के माध्यम से अस्थाई निशुल्क लाइसेंस बनवाए गए हैं। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। अस्थाई के सम्बंध में ही निर्देश प्राप्त हुए थे।
-अरविंद चौरागढ़े, जिला शिक्षा अधिकारी, छिंदवाड़ा