रुक्मिणी की करुण पुकार सुनकर श्रीकृष्ण ने भी उनकी भावनाओं व प्रेम का मान रखते हुए लाख बाधाओं के बाद भी उनसे विवाह किया।
कृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रोता
मोहखेड़. सारोठ. सच्चे मन से की गई आराधना से भगवान खिंचे चले आते हैं। रुक्मिणी की करुण पुकार सुनकर श्रीकृष्ण ने भी उनकी भावनाओं व प्रेम का मान रखते हुए लाख बाधाओं के बाद भी उनसे विवाह किया।
मोहखेड़ विकासखंड के ग्राम सारोठ में श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास भागवताचार्य छोटे सरकार ने कृष्ण-रुक्मिणी के विवाह का वर्णन किया। इसके बाद विवाह प्रसंग का मंचन किया और आओ मेरी सखियां मुझे मेहंदी लगा दो… जैसे कई भजनों ने भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
कृष्ण ? और रुक्मिणी विवाह में कृष्ण घोड़े पर सवार होकर झांकी बैंड-बाजे के साथ गांव की गलियों से होते हुए कथा स्थल पहुंची। जहां भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। भागवत कथा में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। छोटे सरकार न केवल भगवान कृष्ण की लीलाओं के प्रसंगों के बीच रोचक वर्णन कर रहे बल्कि रात्रि में धार्मिक अनुष्ठान के बीच श्रद्धालु भाव-विभोर हो रहे हंै। आयोजकों ने ग्रामीणों से कथा के आयोजन में धर्म लाभ उठाने कहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण भागवत कथा का श्रवण करने और धर्म का लाभ लेने उमड़ रहे हैं।
हरिनाम सप्ता
बजरंग
मंदिर में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सोमवार को हरिनाम सप्ता किया गया जिसमें विभिन्न गांवों की भजन मंडलियों को कीर्तन के लिए आमंत्रित किया गया है। मंगलवार को हरिनाम सप्ता समापन के बाद हवन, पूजन एवं महाप्रसाद वितरण किया जाएगा।
गायत्री के शुभारम्भ पर निकाली कलश यात्रा
मोहखेड़. विकासखंड के गांव राजेगांव में चार दिवसीय प्रज्ञा पुराण का आयोजन किया जा रहा है। इसके शुभारम्भ पर कलश शोभायात्रा निकाली गई। नौ कुण्डली गायत्री यज्ञ का शुभारम्भ सोमवार से हुआ जो गुरुवार तक किया जाएगा।
शिव प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा
जुन्नारदेव. नगर के सुकरी साईं मंदिर मार्ग पर वार्ड क्र. 17 में भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन रविवार को किया गया।
इस दौरान वार्ड के रहवासियों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्राण-प्रतिष्ठा पूजन पंडित विनय महाराज ने सम्पन्न कराया। इस दौरान भगवान शिव की प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया गया जो स्थानीय सुकरी
हनुमान मंदिर, साईं मंदिर, चर्च तिराहा होते हुए वार्ड क्र. 17 पहुंचा जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई।