
Lack of Akhragi Kotwars in election operation
छिन्दवाड़ा/ पांढुर्ना. न्यायालय के फैसले के अनुसार पंचायत चुनाव होने हैं और कोटवार हड़ताल पर हैं। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। तहसील परिसर में हड़ताल पर बैठे कोटवार संघ के अध्यक्ष पंढरी मोटघरे का कहना है कि ग्राम पंचायतों में कोटवार राजस्व विभाग की सबसे मजबूत कड़ी है। इसलिए सरकार को चुनाव से पहले हमारी मांग माननी चाहिए। कोटवार सम्मानजनक वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। बुधवार को हड़ताल का 12 वां दिन था।
बिछुआ में कोटवार संघ की हड़ताल बुधवार को तेरहवें दिन भी बिछुआ में जारी है। तहसील कोटवार संघ के पदाधिकारी परसराम नुन्हारिया ने बताया हमें सरकारी कर्मचारी माना जाए व घोषणा पूरी होने तक कलेक्टर रेट पर मानदेय दिया जाए। कोटवारों को भूमि का मालिकाना हक मिले। 5 मई से हड़ताल पर हैं पर अब तक किसी ने सुध नहीं ली है। बिछुआ क्षेत्र के कोटवार बलराम दुपारे, केवल डेहरिया, मोतीराम सुखदेव, गंगाधर इन्दौरकर, उत्तम बसोंड, फूलचंद सातनंकर, राजेश जावरकर, श्यामराव कोचे , राजकुमार इन्दौरकर, दुर्गेश, निर्मला इन्दौरकर उपस्थित थे। कोटवार संघ अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर सौंसर में गुरुवार को दोपहर 3 बजे तहसील कार्यालय से रैली निकालेगा। तहसील कोटवार संघ के अध्यक्ष अजय गजभिए ने बताया कि कोटवारों को शासकीय दर्जा और सम्मान जनक वेतन की मांग वर्षों से की जा रही है। प्रदेश संघ के आह्वान पर 5 मई से हड़ताल पर हैं। पर सरकार सुनवाई नहीं कर रही। गुरुवार को सौंसर तहसील कार्यालय से नगर में रैली निकालेंगे। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।सरकार को चुनाव से पहले हमारी मांग माननी चाहिए।
Published on:
19 May 2022 09:14 pm
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