स्थिति यह है कि प्रतिदिन जिला अस्पताल से 20 से 25 मरीजों का ऑनलाइन पंजीयन कर उन्हें गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। इधर शासन ने अधिक से अधिक गरीब मरीजों को योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटरों से भी पंजीयन की शुरुआत कर दी है। उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 1350 जटिल बीमारियों के उपचार के लिए प्रत्येक चिन्हित गरीब परिवार को पांच लाख रुपए तक का निशुल्क उपचार दिया जाता है।
इस संदर्भ में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस गोगिया ने बताया कि बीमा कम्पनी की जटिल प्रक्रिया के कारण योजना का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में होने वाले उपचार की राशि का भुगतान बीमा कम्पनी को शीघ्र करना चाहिए।
निजी कम्पनी का है अनुबंध – आयुष्मान योजना के कोर्डिनेटर विकास श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त योजना के लिए भोपाल की विडाल हेल्थ कम्पनी ने शासन से पांच वर्ष के लिए अनुबंध किया है। जो कि क्लेम भुगतान के लिए जिम्मेदार है, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने से समस्या बनी हुई है।
प्रदेश में 90 निजी हॉस्पिटल सम्बद्ध – जिला अस्पताल में संचालित आयुष्मान केंद्र से अब तक 3000 पंजीयन किए जा चुके है। जिन्हें गोल्डन कार्ड भी प्राप्त हुआ है। 450 प्रकरणों के लिए करीब 32 लाख रुपए के क्लेम विभाग ने किए है, जिसमें से लगभग 10 का भुगतान हुआ है। उक्त योजना के लिए प्रदेश में 80 से 90 निजी हॉस्पिटल शासन से सम्बद्धता प्राप्त किए है। जहां 1350 गंभीर बीमारियों का उपचार दिया जाना है।