क्षेत्र में चोरों का आतंक बढ़ गया है। हर दिन चोरी की वारदात से आम आदमी अपनी मेहनत की कमाई को लूटते हुए देख रहा है। सिर्फ चोरी ही नहीं हर दूसरे दिन छेड़छाड़ और रेप की घटनाओं ने भी
क्षेत्र को झकझोर के रख दिया है। इस दौरान जिसकी जिम्मेदार सबसे ज्यादा है वहीं पुलिस विभाग खाली हाथ नजर आ रहा है।
इसका मुख्य कारण वहीं बल की कमी है। बल बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। जिला पुलिस में जितना बल है उसके हिसाब से पांढुर्ना क्षेत्र में बल की बहुत कमी है। पांढुर्ना महाराष्ट्र सीमा पर बसा होने के कारण संवेदनशील पुलिस थानों में शुमार है। इसके बावजूद यहां पर न तो पर्याप्त बल है और न ही सुरक्षा व्यवस्था। पिछले तीन माह से क्षेत्र में चोरी की घटनाएं लगातार घट रही है परंतु इस पर नियंत्रण के लिए पुलिस विभाग आज तक कोई कारगर कार्रवाई नहीं कर पाया है। यह छोटी-छोटी घटनाएं एक दिन बड़ा रूप ले सकती है।
चौकी पर लगाना पड़ रहा ताला: नंादनवाड़ी पुलिस चौकी और बड़चिचोली पुलिस चौकी में अंगुली पर गिनने लायक ही बल है। इन चौकियों के भरोसे कई गांव पुलिस से सहायता की अपेक्षा रखते है परंतु बल नहीं होने के कारण गांव वालों को 30 किमी दूर पांढुर्ना आकर रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ रही है। नंादनवाड़ी पुलिस चौकी के अंतर्गत 40 गांवों की सुरक्षा है परंतु खास बात यह है कि कोई बड़ी घटना हो जाए तो चौकी को ताला लगाना पड़ता है। इस चौकी में एक एस आई के साथ एक प्रधान आरक्षक और एक सैनिक पदस्थ है। सैनिक भी पिछले तीन दिनों से अवकाश पर है। बड़चिचोली पुलिस के हाल भी बेहाल है। यहां पर भी एक एसआई के साथ तीन पुलिसकर्मी ही पदस्थ है।
पुलिस कप्तान गौरव तिवारी पर आम जनता की अपेक्षा भरी नजर है। बीते तीन माह में पांढुर्ना की जनता ने चोरियों में जो खोया है वह उनके रहते अपवाद स्वरूप सिद्ध हुआ है। इसके बावजूद भी पांढुर्ना की जनता की अपेक्षा एसपी तिवारी से है कि वे बल की कमी को दूर कर बढ़ते अपराध पर लगाम लगाएं।