जीने की कला सीखें युवा
छिंदवाड़ाPublished: Oct 24, 2021 05:52:25 pm
शासकीय उत्कृष्ट शाला में ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को तनाव मुक्त जीवन जीने के उपाय बताए गए । संस्था समन्वयक प्रकाश गौरखेडे ने कहा कि आज के दौर में युवाओं में कई कारणों से तनाव बढ़ता जा रहा है । विद्यार्थी अपनी किसी भी समस्या के निदान के लिए परिजनों व मित्रों से सुझाव अवश्य लें। सभी को जीवन जीने की कला आना आवश्यक है।
learn the art of living young
छिन्दवाड़ा/ पांढुर्ना .शासकीय उत्कृष्ट शाला में ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को तनाव मुक्त जीवन जीने के उपाय बताए गए । संस्था समन्वयक प्रकाश गौरखेडे ने कहा कि आज के दौर में युवाओं में कई कारणों से तनाव बढ़ता जा रहा है । विद्यार्थी अपनी किसी भी समस्या के निदान के लिए परिजनों व मित्रों से सुझाव अवश्य लें। सभी को जीवन जीने की कला आना आवश्यक है। कार्यक्रम में सिविल अस्पताल सौंसर के डॉ. राजेश तिडक़े,प्राचार्य वीपी ढवले, जीबी. वानखेड़े व शिक्षक उपस्थित थे। डॉ. तिडक़े ने विद्यार्थियों को अवसाद, तनाव चिंता के लक्षण , कारण एवं इलाज की जानकारी दी । नागपुर के नाट्य कलाकार सुरेश सांगोलकार ने अवसाद, तम्बाकू एवं शराब आदि नशे के दुष्परिणामों को नाटक के माध्यम से बताया। संस्था प्रमुख श्यामराव धवले ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।