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डेढ़ करोड़ पर विभागीय लीपापोती, ऑडिटिंग में भी लूटा खजाना, पढ़ें पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Nov 13, 2018 11:19:40 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

अनियमितता: सीएमएचओ कार्यालय का मामला, ऑडिट टीम को नहीं मिले उचित दस्तावेज, डेढ़ करोड़ के रंगरोगन पर लीपापोती करने

Led treasury in 1.5 crore, looted treasure in auditing

Led treasury in 1.5 crore, looted treasure in auditing

छिंदवाड़ा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में एक करोड़ चालीस लाख रुपए से किए गए रंग-रोगन पर बवाल मच गया है। मप्र स्वास्थ्य संचालनालय से आई ऑडिट टीम के समक्ष इसके दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने पर मामले में आपत्ति लगा दी गई है। अब ऑडिट टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को सौंपने की बात कही जा रही है। वहीं इस मामले में लीपापोती को लेकर सीएमएचओ, लेखापाल छिंदवाड़ा तथा लेखापाल भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय एक-दूसरे पर पैसों के लेन-देन का आरोप लगा रहे हैं।
एक दूसरे पर लगा रहे लेन-देन का आरोप


उल्लेखनीय है कि विगत सप्ताह भोपाल से तीन सदस्यों का दल वित्तीय मामलों की जांच करने सीएमएचओ कार्यालय छिंदवाड़ा पहुंचा था। जांच के दौरान स्वास्थ्य संस्थाओं में किए गए रंगरोगन और मरम्मत पर एक करोड़ चालीस लाख रुपए खर्च करने का मामला सामने आया। जब जांच दल ने किए इसका ब्योरा मांगा तो विभाग प्रस्तुत नहीं कर पाया।
जानकारी के अनुसार मामले की जांच के लिए अब भोपाल से सिविल इंजीनियरों की विशेषज्ञ टीम को भेजा जाएगा। भोपाल से आई ऑडिट टीम ने खुद को सिविल का अनुभव न होने से उक्त जांच सिविल विभाग के इंजीनियर से कराने के लिए अनुमोदन किया है। मामले को दबाने का होता रहा प्रयास जानकारी के अनुसार इस मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसों के लेन-देन के आरोप एक दूसरे पर लगाए जा रहे हैं। चिकित्सा अधिकारियों का आरोप है कि ऑडिट टीम ने क्लीन चिट देने के लिए पांच लाख रुपए की मांग की जबकि ऑडिट टीम का कहना है कि मामले को दबाने के लिए उन्हें ही लाखों रुपए का प्रलोभन दिया गया।

कैशियर समझ नहीं सकी तो मंैने दिखाया


जांच दल के समक्ष दस्तोवज प्रस्तुत करते समय कैशियर कन्फ्यूज हो गई थी। दोपहर एक बजे जब मैं कार्यालय पहुंचीं तो सभी दस्तोवज टीम के समक्ष प्रस्तुत किए गए। टीम इससे संतुष्ट थी। बाद में पैसों की मांग की गई। नहीं दिए तो मामले को तूल दिया गया।

भारती तिकाडे़, लेखापाल सीएमएचओ कार्यालय


सभी खर्चों के मौजूद हैं दस्तावेज


शासन से स्वीकृत बजट पर किए गए सभी खर्चों के दस्तावेज विभाग के पास मौजूद हैं। कभी भी इसकी जांच कराई जा सकती है। ऑडिट टीम द्वारा मामले को तूल देकर क्लीन चिट देने के लिए बेवजह पांच लाख रुपए मांगने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।

डॉ. जेएस गोगिया, सीएमएचओ छिंदवाड़ा


रंगरोगन तथा मरम्मत कार्यों पर किए गए एक करोड़ चालीस लाख रुपए के बिल-बाउचर प्रस्तुत नहीं किए गए। जब आपत्ति लगाई गई तो जिस होटल में टीम ठहरी थी, वहां आकर पैसों का प्रलोभन दिया गया। टीम ने सही जांच की है। निर्माण सम्बंधी प्रकरण होने पर सिविल इंजीनियर की विशेष टीम को जांच के लिए भेजने का अनुमोदन किया जाएगा।

प्रभाकर ढोके, लेखापाल, मप्र स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल

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