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बंद पिंजरे से आदमखोर तेंदुए को चुनौती… आला अधिकारी भी हैं हैरान

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 14, 2018 11:17:38 am

Submitted by:

prabha shankar

नौ टीमें लगने के बाद भी नहीं मिल पा रही सफलता

Leopard panic

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छिंदवाड़ा/छिंदी. आदमखोर तेंदुआ के जंगल में छिपते ही वन कर्मचारियों की सर्चिंग में लापरवाही दिखाई देने लगी है। ग्राम नागरी के पास बोरियल के जंगल के किनारे शनिवार को सुबह ९ बजे बंद पिंजरा देखने को मिला, जिसे अक्सर खुला रखा जाता है। इस स्थिति में वन्य प्राणी कैसे कैद होगा, यह सवाल उठ खड़ा हुआ हैं। जंगल में दूसरे स्थान पर रखे गए पिंजरे और कैमरे भी शक के दायरे में आ गए हैं। कैमरों मेंं भी वन्य प्राणियों की तस्वीर भी कैद नहीं हो पा रहीं हैं।
पिछले रविवार से लगातार तीन मासूमों के शिकार के बाद तेंदुआ गांवों के किनारे दिखाई नहीं दे रहा हैं। मोरढाना में उसने गुरुवार को अंतिम बार बछड़े का शिकार किया था। तेंदुआ के जंगल में छिपते ही वन विभाग का अमला फिर अपनी सुस्त कार्यशैली में लौट आया है।
बोरियल के जंगल में बंद पिंजरा मिलने से लापरवाही स्पष्ट दिखाई दी हैं। इससे गांवों में गश्ती का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके नतीजे भी मैदानी स्तर पर सामने नहीं आ रहे हैं। तीन मौत पर विभागीय अमला अब औपचारिकता करने में जुट गया है।
एसडीओ वन बीआर सिरसाम ने बताया कि आदमखोर तेन्दुआ के शिकार बने तीन मासूमों के परिवारों को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा दे दिया गया है। सिरसाम के मुताबिक लगातार सर्चिंग के बाद तेन्दुआ का सुराग नहीं लग पाया है। इसकी तलाश में विभागीय कर्मचारियों का दल लगा हुआ है।

ग्रामीणों ने दिखाए बकरी में दांत
ग्राम कुम्हड़ी के बरनाढाना में सुंदरलाल की बकरी के गले में दांत दिखाई देने पर हडक़म्प मच गया। ग्रामीणों ने यहां तेंदुआ होने की आशंका जाहिर की। सूचना पर वन विभाग का अमला पहुंचा और बकरी पर गड़े दांत की जांच की। इस दौरान दांत तेंदुआ नहीं बल्कि जंगली बिलाव के बताए गए। यहां आसपास पगमार्क भी तलाशे गए। कहीं कोई चिह्न नहीं मिला।

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