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कुष्ठ रोग गंभीर स्थिति में…हर वर्ष मिल रहे यहां मरीज, जानें वजह

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 23, 2020 11:34:24 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

– हर वर्ष मिल रहे 40 से 50 नवीन मरीज

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फडऩवीस ने कहा कि स्वास्थ मंत्री के हस्तक्षेप से एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को पास होने का मिला वरदान …

छिंदवाड़ा। जिले के छिंदवाड़ा, सौंसर तथा पांढुर्ना क्षेत्र में कुष्ठ रोग गंभीर स्थिति में है, इसकी वजह हर वर्ष यहां से 40 से 50 नवीन रोगियों का सामने आना बताया जाता है। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक प्रति दस हजार की जनसंख्या में एक से अधिक नवीन प्रकरण सामने नहीं आना चाहिए, लेकिन उक्त विकासखंडों में ऐसा नहीं है। बताया जाता है कि कुष्ठ रोग भी संक्रामक बीमारी है, जो कि संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आने से होती है। हालांकि इसमें मरीज की मौत नहीं होती तथा निश्चित समय अवधि में नियमित उपचार के बाद स्वस्थ भी होते है।

कमजोर इम्यूनिटी है घातक –


कुष्ठ रोग टीबी जैसी बीमारी है तथा ज्यादातर इसके बैक्टीरिया परिवार या अधिक सम्पर्क में रहने वाले मित्रों को प्रभावित करते है। लेकिन ऐसे मरीज जिनका इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रोंग है, उन पर इसका प्रभाव नहीं दिखता है तथा कमजोर इम्यूनिट वालों पर असर दिखने लगता है।
कुष्ठ रोग नियंत्रण विभाग के रामराव बावनकर ने बताया कि कुष्ठ रोगियों का उपचार दो तरह एनडीटी और पीडी से होता है। एनडीटी में रोगी संक्रमित होता है, जिसके लिए 12 माह का उपचार होता है तथा पीडी में रोगी प्राथमिक स्तर पर होता है, जिसमें उसे धाग, धब्बे या च_े नजर आते है। इसमें 6 महीने का उपचार निशुल्क दिया जाता है।

यह है जिले की स्थिति –


समय नवीन रोगी स्वस्थ हुए लोग शेष बचे रोगी


वर्ष 2018-19 188 163 163
वर्ष 2019-20 211 210 160
वर्ष 2020-21 20 90 120
(सितम्बर 2020 तक)

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