सफाई, सुरक्षा व बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन का मामला बताया जाता है कि दस्तावेजों को एकत्रित करने के लिए भोपाल से अधिकारियों का दल शीघ्र छिंदवाड़ा आएगा, जबकि स्थानीय अधिकारी मामले में कुछ भी कहना नहीं चाहते हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस गोगिया ने जांच को विभागीय रूटीन प्रक्रिया बताया। हालांकि विभाग में अनियमितता का मामला सुर्खियों में है।
गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ जिलों में सफाई, सुरक्षा और बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के मामले में आवंटन से ज्यादा राशि की खरीदी की गई । लाखों रुपयों की वित्तीय अनियमितता सामने आने पर स्वास्थ्य संचालनालय ने सम्बंधित जिलों के सीएमएचओ को सस्पेंड कर दिया है। छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के 40 जिले इस संदिग्ध सूची में शामिल हैं, इसलिए शासन के निर्देश पर जांच कराई जा रही है।
अचानक रोकनी पड़ी जांच
इधर एडीएम और सीएमएचओ सिवनी द्वारा की जा रही जांच को स्थगित करने के निर्देश अचानक ही स्वास्थ्य संचालनालय से मिले और अग्रिम आदेश तक जांच बंद रखने को कहा गया। इस संदर्भ में सिवनी सीएमएचओ डॉ. करुणेश मेश्राम ने बताया कि संयुक्त संचालक के निर्देश पर छिंदवाड़ा सीएमएचओ कार्यालय में सफाई, सुरक्षा व बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन की जांच की गई थी। भोपाल से जांच स्थगित करने के निर्देश मिले तो सभी दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में वहीं छोडक़र वापस सिवनी आ गए।
दवा भंडारण के खंगाले दस्तावेज
निर्धारित बजट से अधिक राशि में दवा समेत अन्य सामग्री खरीदी मामले में शासन के निर्देश पर जांच दल छिंदवाड़ा जिला अस्पताल पहुंचा। बताया जाता है कि टीम खरीदी गई दवा, पलंग, सफाई सामग्री आदि का भौतिक सत्यापन कर रही है। इसमें विभाग ने खरीदी की है, उसका आंवटन तथा पंजीयन किया गया है या नहीं इसकी जांच टीम कर रही है।
बताया जाता है कि स्वास्थ्य संचालनालय के निर्देश पर सिविल सर्जन को 10 प्रतिशत लोकल खरीदी करने का अधिकार है, लेकिन नियमों को ताक पर 15 प्रतिशत खरीदी की गई है। इसके चलते उक्त जांच व भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।