जिन्दगी इम्तिहान लेती है
पहले बेटी को पाल पोसकर बड़ा किया। अब उसके तीन मासूमों का पालन पोषण कर रही हैं संत रविदास वार्ड में रहने वाली 55 साल की मैनाबाई तायवाड़े । उनके हौंसले और जज्बे के सामने उम्र घुटना टेकती नजर आती है। उन्होंने संघर्ष को ही अपना जीवन समझा है। बेटी के देहांत के बाद मैनाबाई उसके तीनों मासूमों की जिम्मेदारी को निभा रही हैं ।
छिंदवाड़ा
Published: May 09, 2022 10:02:11 pm
छिन्दवाड़ा/पांढुर्ना. पहले बेटी को पाल पोसकर बड़ा किया। अब उसके तीन मासूमों का पालन पोषण कर रही हैं संत रविदास वार्ड में रहने वाली 55 साल की मैनाबाई तायवाड़े । उनके हौंसले और जज्बे के सामने उम्र घुटना टेकती नजर आती है। उन्होंने संघर्ष को ही अपना जीवन समझा है। बेटी के देहांत के बाद मैनाबाई उसके तीनों मासूमों की जिम्मेदारी को निभा रही हंै। मैनाबाई की बेटी सुनीता लोखंडे की मृत्यु कुछ वर्ष पहले हुई। सुनीता की तीन बेटियां रजनी (८), सोनाली (10) और दो साल की परी की जिम्मेदारी मैनाबाई पर है। उन्होंने बताया दोनों बेटियां स्कूल पढऩे के लिए जाती है। बेटियों के पिता छोटू लोखंडे है। कभी कभार आते हैं बेटियों को खुश देखकर चले जाते है। एक बेटा है जो मजदूरी करता है। मां बेटे मिलकर जो कमाते है । उससे ही बच्चों का गुजर-बसर हो पा रहा है। कच्चा मकान , नहीं मिला पट्टा : संत रविदास वार्ड में सडक़ किनारे कच्चे मकान में रहने वाली मैनाबाई पट्टे के लिए राजस्व विभाग के चक्कट काट रही है लेकिन कोई तरस नहीं खा रहा है। पटवारियों के पास गुहार लगाई । उसके लिए कोई जनप्रतिनिधि भी आगे आकर जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं। मैनाबाई ने बताया बारिश में बच्चों को लेकर किसी भी पक्के मकान के नीचे छुपना पड़ता है या फि र नई पन्नी लाकर ढंकना पड़ता है। कच्चे मकान में बिजली भी नहीं है। शनिवार शाम को सडक़ से गुजरने के दौरान गर्मी में बाहर सो रहे मासूम बच्चों पर स्थानीय व्यवहार न्यायालय में पदस्थ श्रावण कुमार पवार की नजर पड़ी। उन्होंने गरीब परिवार को बाजार से पंखा खरीदकर दिया ताकि गर्मी में
बच्चे परेशान नहीं हो। श्रावण कुमार गरीब बच्चों की मदद में आगे रहते हैं।

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