बता दें कि कोतवाली थाना पुलिस ने २४ जनवरी की रात मुखबिर की सूचना पर बालाजी नगर निवासी स्नेह सरेयाम को शेर की खाल के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने अन्य साथियों का नाम उगला जिसके आधार पर जांच और छानबीन शुरू की गई। पुलिस के हाथ अन्य आरोपी लगे जिनके कब्जे से मरे हुए शेर के दांत, मूंछ के बाल और नाखू मिले थे। स्नेह सरेयाम ने पुलिस को बताया था कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर करीब पांच ***** सतपुड़ा पेंच टाइगर रिजर्व पचमढी नेशनल पार्क के क्षेत्र के अंर्तगत कांजीघाट के जंगल में विषाक्त पदार्थ देकर शेर को मार देना और उसके अंगों को निकालकर बेचना काबूल किया था। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।
अंगों को खरीदने वाला पकड़ाया
कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को तामिया थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदी निवासी दिनेश कुमार नेमा (४७) को हिरासत में लिया। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने शिकारियों से शेर के अंगों को खरीदना बताया। जादू-टोना के जरिए रुपए बरसाने और अमीर बनने के लिए वह एेसा किया करता था। हालांकि दूसरी ओर यह बात सामने आ रही है कि वह अंगों को खरीदकर बेचा करता था। फिलहाल पुलिस आरोपित दिनेश कुमार नेमा से पूछताछ करने में जुटी है। आरोपित को पकडऩे में कोतवाली टीआइ मनीषराज सिंह भदौरिया, एएसआइ राघवेन्द्र उपाध्याय, प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश मालवी, आरक्षक लीलाधर कुसमरिया, परवेज आजमी एवं सैनिक जीवन चौरे की अहम भूमिका रही।