नगर के लालबाग चौक निवासी श्रीराम पटवा विगत कई वर्षों से नियमित रूप से निस्वार्थ रूप से ब्लड डोनेट करते है। अब तक उन्होंने 47 बार रक्तदान कर दिया है तथा अद्र्धशतक याने 50 बार डोनेशन की तैयारी में है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की बहन के बीमार होने पर उन्हें ब्लड नहीं मिल रहा था। समस्या को देखते हुए उन्होंने स्वयं ही ब्लड दिया। इस घटना से प्रभावित होकर वह इस कार्य में लग गए। नगर तथा समाज में इनकी प्रसिद्धी फैल गई तथा इसके लिए विधायक चौधरी चंद्रभान सिंह तथा पटवा लखेरा समाज कल्याण समिति द्वारा सम्मानित भी किया गया। इतना ही नहीं समाज के संगठन ने उन्हें राज्यपाल से सम्मनित करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भी लिखा है।
खुद पर बीती तो जाना महत्व
जागते रहे ग्रुप के प्रमुख रितेश (रिंकु) चौरसिया ने बताया कि एक समय उनके रिश्तेदार का नागपुर में उपचार चल रहा था। उस समय ब्लड की आवश्यकता होने पर भी नहीं मिला, जिसके कारण उन्हें काफी परेशान होना पड़ा। घटना के बाद अन्य लोगों की दिक्कतों का अहसास हुआ। तब से वह स्वयं तथा लोगों को रक्तदान महादान के लिए प्रेरित करते आ रहे है। कई बार जिला अस्पताल की इमरजेंसी स्थिति में भी इन्होंने सहयोग प्रदान किया। रिंकु चौरसिया ने बताया कि अब तक उनके माध्यम से 849 लोग रक्तदान कर चुके हंै।
‘नयन’ को खोया तो बन गया ग्रुप
तामिया निवासी 3 जुलाई 2018 को आठ वर्षीय मासूम नयन की मौत समय पर ब्लड नहीं मिलने की वजह से हो गई थी। इस घटना ने जिला अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर काफी सवाल खड़े किए गए थे। बताया जाता है कि मृतक नयन के माता-पिता भी एक हादसे में मर चुके थे। इसके बाद नगर के कुछ सामाजिक लोगों ने नयन ब्लड व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया तथा गु्रप के सदस्यों को लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया।