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Lockdown: एक सुखद पहूल यह भी, लगातार कम हो रहा असर

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 07, 2020 05:03:05 pm

Submitted by:

prabha shankar

Lockdown: वाहनों का शोर थमा, धूल-धुआं गायब, मिल रही सेहतमंद हवा, लॉकडाउन से गिरा शहर में प्रदूषण का स्तर

no vehicles can be seen at highways due to coronavirus lockdown

लॉकडाउन का असर : हाइवे पर दूर तक नहीं दिखते वाहन, टोल नाके सूने

छिंदवाड़ा/ सडक़ पर न वाहनों का शोर है और न ही उनका धुआं और धूल नजर आ रही है। हर तरफ सन्नाटा होने से आम आदमी चैन से सेहतमंद हवा ले रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी स्वीकारा कि कोरोना वायरस के लॉकडाउन से प्रदूषण का स्तर गिर गया है और एयर क्वालिटी इंडेक्स भी गुड श्रेणी में आ गया है। बस इसकी रीडिंग नहीं हो पा रही है।
बोर्ड के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के अंदर होता है तो उसे गुड तथा 51 से 100 के बीच की स्थिति को संतोषजनक माना जाता है। बीती 20 मार्च को छिंदवाड़ा का कुल एक्यूआइ 81.7 था। इनमें पीएम 10 में 81.7 तथा पीएम 2.5 में 29.2 था। तब वाहनों के चलने से स्थिति संतोषजनक श्रेणी की थी। उसके बाद लगातार लॉकडाउन से दोपहिया-चौपहिया वाहन चलने बंद हो गए। इससे सडक़ पर धुएं और धूल से उत्पन्न प्रदूषण का स्तर गिर गया। वाहनों का शोर भी थम गया। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में भी उत्पादन बंद होने का भी असर पड़ा। इससे फिलहाल वायु की स्थिति में सुधार आया है। पहले लोग धूल और धुएं से दम और सांसों में तकलीफ की शिकायत करते थे। उन्हें आराम मिला है।बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.अविनाश चंद्र करेरा का कहना है कि लॉकडाउन के बाद व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियां ठप होने से प्रदूषण का स्तर गिरा है। हालांकि शहर में एक्यूआई रीडिंग अभी बंद हो गई है। फिर भी वायु और जल की स्थिति में लगातार सुधार दर्ज हुआ है।

अस्पताल पहुंची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड टीम, बायोमेडिकल वेस्ट का किया निरीक्षण
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.अविनाश चंद्र करेरा एवं रसायनज्ञ संजय राजपूत द्वारा जिला अस्पताल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल के प्रबंधन एवं पैरामेडिकल स्टाफ को जैव चिकित्सा अपशिष्ट विशेष कर कोविड-19 अपशिष्ट के कलेक्शन ए सेग्रीगेशन एवं भंडारण सम्बंधित व्यवस्थाओं के सम्बंध में जानकारी दी। जिला अस्पताल द्वारा वर्तमान में जैव चिकित्सा अपशिष्ट का प्रबंधन संतोषजनक ढंग से किया जा रहा है। जिला अस्पताल के निर्गम द्वार पर सेनिटाइजेशन की व्यवस्था का भी अवलोकन किया गया। अस्पताल में कार्यरत अमले के साथ पर्याप्त पीपीइ उपलब्ध है। इस दौरान मिली कुछ लापरवाही पर जिम्मेदारों को फटकार भी लगाई।

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