शासन से नहीं मिला फंड, आगे चलाना चुनौती महत्वपूर्ण बात यह है कि दीनदयाल रसोई अब तक दानदाताओं के बल पर ही संचालित हो रही है। राज्य शासन से अभी तक कोई राहत फंड नहीं दिया गया है। इसके लिए शुभम् समिति द्वारा इन एजेंसियों को पत्र भी लिखा गया है। सरकार कोरोना संक्रमणकाल में तत्काल फंड जारी कर दें तो दीनदयाल रसोई की हालत सुधर सकती है अन्यथा एक सप्ताह में समिति का आर्थिक संकट बढ़ जाएगा।
संचालक ने मांगा दानदाताओं से सहयोग शुभम् शिक्षा समिति के संचालक महेंद्र जाखोटिया का कहना है कि दीनदयाल रसोई का संचालन खर्च अब तक दिए गए दान की तुलना में 40 लाख रुपए अधिक हो गया है। शासन स्तर से कोई फंड नहीं मिल पाया है। इस परिस्थिति में रसोई को चलाने और दानदाताओं को आगे आने की आवश्यकता है जिससे रसोई का संचालन सुचारू रहे। उन्होंने दानदाताओ से जरूरतमंदों के लिए ज्यादा से ज्यादा दान देने की अपील की।
दान में आए 18 लाख, खर्च हो गए 60 लाख समिति द्वारा लगभग 60 लाख रुपए खर्च किए जा चुके है। प्रारम्भ में विभिन्न दानदाताओं ने 18 लाख 26 हजार 415 रुपए लगभग और कुछ दानदाताओं ने भोजन सामग्री मुहैया कराई। इससे अब तक रसोई का संचालन किया जाता रहा है। अब ना तो कोई खास मदद है, ना तो कोई दानदाता आगे आ रहे हैं। इन परिस्थितियों में रसोई का संचालन संचालकों को मुश्किल में डाल रहा है। उन्हें बाजार से लिए गए 40 लाख रुपए की खाद्य सामग्री की उधारी चुकाने की चिंता सताने लगी है।
नगर निगम ने दिए दस लाख नगर निगम आयुक्त राजेश शाही ने दीनदयाल रसोई में आ रही समस्या के संदर्भ में कहा कि रसोई संचालन के लिए निगम द्वारा बुधवार को 10 लाख रुपए समिति के बैंक खाते में डाले गए हैं। इसके साथ ही गेहूं, चावल का आवंटन भी किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम दीनदयाल रसोई को किसी भी स्थिति में बंद नहीं होने देंगे।