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गुरु पूजा पर ग्रहण का साया, शाम साढ़े चार बजे से लग जाएगा सूतक

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 14, 2019 10:34:49 pm

Submitted by:

prabha shankar

चंद्रग्रहण को देखते हुए की जा रही पूजा-अर्चना की तैयारी

lunar eclipse will be observed in jodhpur on guru purnima

Eclipse

छिंदवाड़ा. गुरुपूर्णिमा पर लगातार दूसरे साल ग्रहण का साया पड़ रहा है। इस बार मंगलवार- बुधवार की दरमियानी रात एक बजकर 30 मिनट पर चंद्रग्रहण लग रहा है। मोक्ष तडक़े चार बजकर 30 मिनट पर मिलेगा। इस समय से 12 घंटे पहले सूतक लगेगा, यानी मंगलवार को शाम साढ़े चार बजे के बाद कोई भी धार्मिक कार्य या पूजा-अर्चना करना निषेध रहेगा।
गुरुपूर्णिमा के मौके पर गुरुधामों, आश्रमों और विभिन्न मंदिरों में देर रात तक पूजा-अर्चना, भजन और भंडारों का दौर चलता रहता है, लेकिन इस बार यह क्रम शाम 4.30 बजे थम जाएगा। चंद्रग्रहण को देखते हुए गुरुपूर्णिमा पर पूजा-अर्चना की तैयारी इसी समय को देखते हुए की जा रही है।

लगातार दूसरे साल ग्रहण
यह लगातार दूसरा साल है जब गुरुपूर्णिमा के दिन ग्रहण लगा रहा है। पिछले साल भी 27 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण आया था। पिछले वर्ष भी ग्रहण के कारण गुरुपूर्णिमा के आयोजन दोपहर दो बजे तक सम्पन्न हो गए थे। पिछले वर्ष खग्रास चंद्रग्रहण था। इस बार खंडग्रास यानि चंद्रमा के कुछ हिस्से में ग्रहण लगेगा, लेेकिन यह भारत में भी दिखेगा। इसके अलावा दक्षिण अमेरिया, यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी चंद्रग्रहण दिखाई देगा।

रात 1.32 पर होगा स्पर्श… ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश द्विवेदी ने बताया कि साल का दूसरे चंद्रग्रहण का स्पर्श रात 1.32 पर होगा। ग्रहण पूर्ण रूप से 3.01 पर लगेगा और इससे मोक्ष तडक़े 4.30 बजे मिलेगा। मोक्ष प्राप्ति के बारह घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस हिसाब से 16 जुलाई बुधवार को शाम 4.30 बजे से लग जाएगा। गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा के कार्यक्रम सूतक लगने से पहले तक ही होंगे।

सुबह जल्द शुरू हो जाएंगे कार्यक्रम
मंगलवार को गुरुपूर्णिमा के दिन गुरुपूजन के कार्यक्रम सुबह जल्द शुरू हो जाएंगे। गुरुधामों, आश्रमों, मंदिरों और दरबारों में इस दिन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रहीं हैं। सीमित समय होने के कारण पूजा के समय शिष्यों की भारी भीड़ उमड़ेगी। गौरतलब है इस दिन देर रात तक आयोजन स्थलों पर चहल पहल रहती है। पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करने का क्रम भी देर शाम तक चलता है। इस बार पूजा के साथ भोजन प्रसादी का कार्यक्रम भी जल्द खत्म करना पड़ेगा। शहर के कई मंदिरों मे भी गुरुपूर्णिमा के आयोजन होते हैं। शाम साढ़े चार बजे भगवान के पट बंद हो जाएंगे। सभी आने वालों को समय के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

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