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इस विधायक के नाम है सबसे ज्यादा मतों से जीत का रेकॉर्ड

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 22, 2018 12:12:19 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबलों में कांटे की टक्कर भी देखी जाती है

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madhyapradesh election 2018

छिंदवाड़ा. चुनाव में जीत का अपना उल्लास होता है और हार का उतना ही गम। चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबलों में कांटे की टक्कर भी देखी जाती है और कई बार दो कद्दवार नेताओं के बीच उंगली पर गिने जाने वाले वोटों से हार-जीत का फैसला होता देखा गया है। विधानसभा चुनाव के जिले में परिणाम देखें जाएं तो छिंदवाड़ा विधानसभा के चौधरी चंद्रभानसिंह के नाम अब तक सबसे ज्यादा अंतर से चुनाव जीतने का रिकार्ड है। 2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन विधायक दीपक सक्सेना को 24 हजार 778 वोटों से हराया था। हार-जीत के अंतर में आंकलन किया जाए तो ये दोनों जब भी आमने-सामने हुए हैं जीता कोई भी हो वह सबसे ज्यादा अंतर से ही जीता है। 1998 में दीपक सक्सेना ने चौधरी चंद्रभानसिंह को 22 हजार 185 मतों के अंतर से हराया था। उस समय पूरे जिले में यह सबसे बड़ी जीत थी। 2003 में चौधरी चंद्रभान ने दीपक को 24 हजार 13 वोटों से हराकर हिसाब न केवल बराबर किया बल्कि जीत के अंतर में उनसे आगे निकल आए। 2008 में दीपक जीते, लेकिन उनकी जीत का अंतर कम हो गया। 2013 में फिर दोनों मैदान में थे इस बार चंद्रभान ने 24 हजार 778 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। यह पूरे जिले में किसी भी विधायक की सबसे ज्यादा मतों के अंतर की जीत है। गौरतलब है छिंदवाड़ा विधानसभा में पिछले दो दशक के दौरान हुए चार विधानसभा चुनावों में भाजपा और कंाग्रेस की तरफ से ये दोनों ही उम्मीदवार बनते आ रहे हैं।
अपने क्षेत्र में ये हैं सबसे अव्वल

चौरई : 1993 के चुनाव में कांग्रेस के मेरसिंह चौधरी ने रमेश दुबे को 19302 मतों से हराया।
परासिया : 2003 में भाजपा के ताराचंद बावरिया ने कांग्रेस के लीलाधर पुरिया को 20254 मतों से हराया।
जामई : 2013 में नत्थन शाह की जीत सबसे बड़ी रही। उन्होंने सुनील उइके को 20121 मतों से हरया।
अमरवाड़ा : 1998 के चुनाव में कांग्रेस के प्रेमनारायण ठाकुर ने जुधिया प्रसाद भलावी को 21078 मतों से हराया था।
सौंसर : 1985 में रेवनाथ चौरे ने निर्दलीय रामराव महाले को 21028 मतों के अंतर से पराजित किया था।
दमुआ : 2003 में भाजपा के झमनलाल सरेयाम ने कांग्रेस के महेश सल्लाम को 10719मतों से पराजित किया था।
पांढुर्ना : 1980 में कांग्रेस के माधवलाल दुबे की दशरथ उइके पर 12436 वोटों की जीत सबसे बड़ी जीत है।

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