मक्का: पंजीयन की घोषणा न होने से किसानों में घबराहट
छिंदवाड़ाPublished: Sep 17, 2019 12:27:09 pm
जिले में मक्का का सर्वाधिक उत्पादन,फिर भी धान,ज्वार,बाजरा की खरीदी से निराशा
मक्का: पंजीयन की घोषणा न होने से किसानों में घबराहट
छिंदवाड़ा/पिछले साल 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार के समय किसानों को मक्का उपज पर भावांतर मूल्य दिए जाने का फंडा दिया गया था। इस साल सत्तारुढ़ कमलनाथ सरकार द्वारा केवल धान,ज्वार,बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन आदेश जारी किए जाने से किसानों में गहरी निराशा है। सरकार ने मक्का फसल के बारे में अपनी कोई नीति का ऐलान नहीं किया है।
खरीफ उपार्जन 2019-20 में धान का समर्थन मूल्य कामन 1815 रुपए,धान ग्रेड एक-1835 रुपए,ज्वार 2550 और बाजरा 2000 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। इसके साथ ही किसानों के पंजीयन की अवधि 16 सितम्बर से 16 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है। छिंदवाड़ा जिले के संदर्भ में देखा जाए तो धान का सीमित रकबा होने से केवल 4 खरीदी केन्द्र चौरई,अमरवाड़ा,बिछुआ और मोहखेड़ में बनेंगे तो वहीं ज्वार,बाजरा का एक केन्द्र पांढुर्ना में होगा। खरीफ की सबसे ज्यादा लगाई गई फसल मक्का की खरीदी पर सरकार की कोई घोषणा सामने नहीं आई है। इससे किसानों में निराशा का माहौल है।
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किसानों का हुआ था पंजीयन और मिला था भावांतर
सरकारी रेकॉर्ड बताते है कि पिछले साल 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार द्वारा मक्का किसानों का पंजीयन कराया गया था। इस पर जिले भर में 52 हजार किसानों का पंजीयन ऑनलाइन किया गया था। उसके बाद किसानों द्वारा मंडियों में मक्का बेचा गया। इस पर शिवराज सरकार द्वारा भावांतर की एकमुश्त 500 रुपए प्रति क्विंटल फ्लैट बतौर देने की घोषणा की गई थी। विधानसभा चुनाव होने से किसानों को ये राशि नहीं मिल सकी। सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी यह मामला लटका रहा। कई किसान अभी तक भटक रहे हैं।
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समर्थन मूल्य न होने से पड़ता हैं बाजार पर असर
किसी भी उपज को सरकारी समर्थन मूल्य न मिलने पर उसका असर बाजार पर पड़ता है। मक्का पर सरकारी नीति न आने से किसानों में घबराहट का माहौल है। उनकी चिंता यह है कि बाजार में उन्हें औने-पौने दाम पर मक्का बेचना पड़ सकता है। वैसे भी इस साल अतिवृष्टि और कीट रोग से मक्का फसल को नुकसान पहुंचा है। सरकारी समर्थन नहीं मिला तो किसान सडक़ पर आ जाएंगे।
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इनका कहना है…
इस वर्ष अतिवृष्टि और रोग से मक्का फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। सरकार द्वारा खरीदी का पंजीयन आदेश जारी न किए जाने से किसानों में घबराहट का माहौल है। किसान संघ इसको लेकर जल्द कमलनाथ सरकार का ध्यान दिलाएगा।
-मेरसिंह चौधरी,अध्यक्ष भारतीय किसान संघ।
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खरीफ उपार्जन में धान,ज्वार और बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीदी के पांच केन्द्र बनाए जाएंगे। मक्का पर सरकारी आदेश का इंतजार बना हुआ है।
-डीके मिश्रा,सहायक आपूर्ति अधिकारी।
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