आगामी 22 फरवरी से गुरु के अस्त होने विवाह नहीं होंगे साथ ही अन्य मांगलिक कार्यों पर भी विराम लग जाएगा। देव गुरु ब्रहस्पति 22 फरवरी से अस्त हो रहे हैं। कुछ पंचांग में गुरु का अस्त होना 20 फरवरी से भी बताया गया है। गुरु के अस्त होने के कारण विवाह आदि बड़े मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे। इस बीच 14 मार्च से 15 अप्रैल तक सूर्य के मीन राशि में होने के कारण खरमास रहेगा। खरमास में भी मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं, इसीलिए खरमास समाप्त होने के बाद 15 अप्रैल से ही विवाह के मुहूर्त शुरू हो पाएंगे। डेढ़ महीने की अवधि के बाद अप्रैल से खरमास समाप्त हो जाएगा और विवाह कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। दस जुलाई देवशयनी एकादशी तक हर महा विवाह के अच्छे मुहूर्त बताए जा रहे हैं। अप्रैल माह में कुल 8 दिन मई माह में 14 दिन जून माह में 11 दिन जुलाई माह में 7 दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 10 जुलाई देवशयनी एकादशी के साथ ही चार महा के विवाह सहित बड़े मांगलिक कार्य फिर रुक जाएंगे और देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर माह में विवाह कार्यों की शुरुआत होगी।
21 फरवरी तक होंगी शादियां
फरवरी माह में केवल 21 फरवरी तक शादियां हो सकेगी, इसके बाद शादियों पर विराम लग जाएगा। ज्योषियों की मानें तो खरमास के दौरान केवल शादियां ही नहीं अन्य मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते हैं। पंडित पंकज पांडे का कहना है कि खरमास शुरू होने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर भी पूरी तरह से विराम लग जाएगा। बताया जा रहा है कि गृहों में होने वाले बदलाव का असर मौसम पर भी दिखाई देगा। डेढ़ माह के दौरान बारिश होने का अंदेशा अधिक रहेगा।