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Manmohan Shah Batti: गोंडवाना के एक युग का अंत, रावण की प्रतिमा स्थापित कर आए थे सुर्खियों में

locationछिंदवाड़ाPublished: Aug 03, 2020 05:00:27 pm

Submitted by:

prabha shankar

Manmohan Shah Batti: भोपाल के चिरायु अस्पताल में पूर्व विधायक के निधन से जिले में शोक की लहर: पंचायत इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ तीसरी राजनीतिक शक्ति बने थे बट्टी

Manmohan Shah Batti

Manmohan Shah Batti

छिंदवाड़ा/ अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी (57) का रविवार को भोपाल के चिरायु अस्पताल में हार्ट अटैक से दुखद निधन हो गया। इसके साथ ही जिले में तीसरी राजनीतिक शक्ति गोंडवाना के एक युग का अंत हो गया। बट्टी के नाम एक बार जीत को छोडकऱ शेष विधानसभा और लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर सर्वाधिक वोट लेने का रिकॉर्ड था। उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके समर्थकों में शोक कीलहर है।
अपने करियर में एमए तक शिक्षा ग्रहण करने वाले बट्टी बालाघाट के बैहर में पंचायत इंस्पेक्टर हो गए थे। उसके बाद उन्होंने नौकरी को तिलांजलि देकर आदिवासियों के शोषण और अन्याय का मुद्दा बनाकर राजनीतिक संघर्ष की राह चुनी। इससे उन्हें गोंडवाना के प्रमुख नेता की पहचान मिली। वे आदिवासियों की शक्ति को एकजुट करने में वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में कामयाब रहे और अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2008 के बाद उन्हें दोबारा सदन में पहुंचने का अवसर नहीं मिला, लेकिन 2008 से लेकर वर्ष 2019 के चुनाव तक उन्होंने हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में तीसरी शक्ति के रूप में सर्वाधिक वोट लिए। उनकी राजनीतिक संगठन शक्ति का लोहा कांग्रेस और भाजपा के नेता भी मानते थे। जैसे ही उनके निधन की सूचना मिली, गोंडवाना के इतिहास के नायक के साथ एक युग के अंत हो गया।
अपने राजनीतिक करियर में बट्टी ने जैसी तीसरी शक्ति के रूप में ऊंचाइयां प्राप्त की थीं, शायद ही कोई बराबरी कर पाएगा। फिलहाल आदिवासी संघर्ष पथ का यह नेता अपनी तीन बेटियां और पत्नी से भरा पूरा छोडकऱ अनंत ईश्वर में विलीन हो गया।
गोंडवाना युवा संगठन के जिलाध्यक्ष प्रहलाद कुसरे नेकहा कि बट्टी के रूप में जिले ने प्रमुख आदिवासी नेता को खो दिया है। उनका संघर्ष हमेशा यादगार रहेगा।

पिता हर्रई कांग्रेस के पदाधिकारी रहे
ब ट्टी का जन्म 14 जून 1962 को अमरवाड़ा तहसील के ग्राम हिर्री जमुनिया में उदय भान शाह बट्टी के यहां हुआ था। स्नातकोत्तर तक शिक्षा ग्रहण कर पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग में पंचायत निरीक्षक के पद पर कार्य किया। बट्टी की दो पत्नी में एक शिक्षक है और दूसरी घरेलू महिला है। उनकी तीन पुत्रियां हैं जिसमें एक पुत्री एमबीबीएस विदेश से कर डॉक्टर है। दूसरी पुत्री एलएलएम है तो वहीं तीसरी अभी पढ़ रही है। बट्टी के पिताजी उदय भान शाह शिक्षक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद हर्रई कांग्रेस के पदाधिकारी भी रहे हैं।

विवाद के साथ नाता और भाजपा में नाकाम
गोंडवाना नेता स्व. बट्टी में राजनीतिक संगठन शक्ति की जितनी खूबी थी, उतने ही उनके साथ विवाद भी जुड़े। उन्हें हर्रई के पास देवरी में रावण की प्रतिमा स्थापित करने की वजह से भी सुर्खियां मिलीं। इसके चलते वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के समय उन्हें भाजपा में लाने की कोशिश नाकाम रही।

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