छिंदवाड़ा में कमलनाथ के कार्यक्रम में पद्मा शुक्ला समेत अन्य नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। पद्मा शुक्ला ने कांग्रेस ग्रहण करने के बाद मीडिया से कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए मैंने ये पार्टी ज्वाइन की है। इसके अलावा कांग्रेस से टिकट के जवाब में पद्मा शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस से चुनाव लड़ने या न लड़ने का फैसला कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ जी करेंगे। शुक्ला ने कहा कि मैं बीजेपी में गांधारी बनकर नहीं रहना चाहती हूं।
इधर कमलनाथ ने पद्मा शुक्ला को कांग्रेस से टिकट दिए जाने के सवाल पर कहा है कि पद्मा शुक्ला ने आज ही भाजपा छोड़ी है और आज ही कांग्रेस ज्वाइन की है।
मध्यप्रदेश में दो माह बाद होने जा रहे चुनाव से पहले बीजेपी की मेहनत पर उस समय पानी फिर गया जब मध्यप्रदेश में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता पद्मा शुक्ला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वे कांग्रेस में शामिल हो गईं। उन्होंने इसके पीछे मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री संजय पाठक को जिम्मेदार ठहराया है।
पहले से थीं नाराज
बीजेपी की वरिष्ठ नेता पद्मा शुक्ला ने कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 2013 में चुनाव लड़ा था। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस के विधायक संजय पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ा था। 935 वोटों से चुनाव हार गई थीं। कांग्रेस से चुनाव जीतने के बाद संजय पाठक बीजेपी में शामिल हो गए और कम समय में ही मंत्री पद तक पहुंच गए। तभी से पद्मा शुक्ला और संजय पाठक में अंदरूनी खींचतान चली आ रही थी। उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय सौंपा गया है। संजय पाठक इसी मंत्रालय के राज्यमंत्री हैं।
मोदी के दौरे से पहले इस्तीफा
राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त पद्मा शुक्ला ने ऐसे समय में अपना इस्तीफा दिया है एक दिन बाद ही मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच रहे हैं। इसे लेकर भी राजनीति गर्मा गई है। इस मामले में कई बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली है। पद्मा के इस्तीफे के बाद भाजपा के लिए यह काफी बड़ा झटका माना जा रहा है।
24 दिग्गज नेताओं के भी इस्तीफे
पद्मा शुक्ला के साथ ही क्षेत्र के 24 दिग्गज नेताओं ने भी सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में ऐसे नेता भी शामिल हैं, जो बरसों से बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें तवज्जों नहीं मिल रही है, बल्कि उपेक्षा की जा रही थी।
अब बीजेपी को विजयराघोगढ़ में होगी मुश्किल
पद्मा शुक्ला के इस्तीफे के बाद से माना जा रहा है कि इससे बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। क्योंकि पिछले चुनाव में पद्मा कांग्रेस से 935 वोटों से हार गई थीं। गौरतलब है कि संजय पाठक 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़े थे। लेकिन, 2013 चुनाव में मिली जीत के बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। कम समय में ही उन्हें मंत्री बना दिया।