विवाह कार्यक्रम में लगभग पांच माह बीत जाने के बाद भी अब तक दिव्यांगों को योजना की राशि नहीं मिली है। हालांकि ६४ में से ग्यारह हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। शेष चक्कर ही लगा रहे हैं। मामले की पूछताछ के लिए दूर-दराज से आने वाले हितग्राहियों को विभागीय अधिकारी भी उचित जवाब नहीं देकर बाद में आने की बात कहते हैं। विभाग की बेरुखी से परेशान दिव्यांगों में आक्रोश बना हुआ है। सौंसर से आए दिव्यांगों ने बताया कि विवाह के लिए अधिकारियों ने कई प्रलोभन दिए थे। अब पूछने पर तरह-तरह के बहाने बनाते हैं।
मिलते हंै दो लाख रुपए
निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना संशोधित वर्ष २०१३ के अनुसार हितग्राही दंपती में से किसी एक के सामान्य होने पर दो लाख रुपए तथा दोनों ही दम्पत्ती के दिव्यांग होने पर प्रति जोडे़ को एक-एक लाख रुपए प्रोत्साहन स्वरूप राशि शासन की ओर से प्रदान की जाती है। हालांकि विवाह सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाना आवश्यक है।
इन्हें मिली दो लाख की राशि
सामाजिक न्याय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ब्लाक परासिया के ऋतुराज-अर्चना गुप्ता, राजेश-रजनी उइके, मुकेश-सरिता यदुवंशी, अर्जन-रिंकी धुर्वे, विक्की-सुलोचना डोंगरे, राकेश-रोशनी पहाडे़, संतोष-अंकिता पवार, सौंसर से पवन-दुर्गा भक्ते, अमरवाड़ा संदीप-पुष्पा ठाकरे तथा छिंदवाड़ा से गोलू-रोशनी यादव व विनीत-दीपिका दीक्षित को दो-दो लाख रुपए प्रदान किए गए।
विकासखंडवार पंजीकृत हितग्राही सामाजिक न्याय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार
विकासखंड संख्या
1 अमरवाड़ा छह
2. चौरई तीन
3. छिंदवाड़ा चौदह
4. जुन्नारदेव चार
5. तामिया एक
6. परासिया दस
7. पांढुर्ना ग्यारह
8. बिछुआ एक
9. मोहखेड़ तीन
10. सौंसर ग्यारह