छिंदवाड़ा

लॉकडाउन में उछले मटेरियल के दाम, छोटे-से आशियाना का बिगड़ा बजट

रेत, सीमेंट और लोहा महंगा होने से 20 फीसदी बढ़ी लागत : मध्यम वर्ग को जुटाने पड़ रहे अतिरिक्त संसाधन

छिंदवाड़ाJun 14, 2020 / 05:53 pm

Rajendra Sharma

छिंदवाड़ा/ कोरोना लॉकडाउन के तीन माह के दौरान मांग-आपूर्ति में संतुलन बिगडऩे से रेत, सीमेंट और लोहा के दामों में इतना उछल आया कि छोटे-से आशियाना बनाने का मध्यम वर्ग का सपना भी धूमिल होता नजर आने लगा है। निर्माण लागत निर्धारित बजट पर भारी पडऩे से अब अतिरिक्त संसाधन जुटाने पड़ रहे हैं।
25 मार्च को लागू देशव्यापी लॉकडाउन से पहले मटेरियल लागत सामान्य थी। मई में सरकार ने धीरे-धीरे छूट दी तो पहले सीमेंट और लोहा में आपूर्ति की समस्या के चलते उछाल आया। इन कंपनियों ने सीधे तौर पर अपेक्षाकृत भाव बढ़ा दिए। फिर स्थानीय स्तर पर रेत के दाम भी सप्लायर्स ने भी अधिक कर दिए। इन तीन सामग्री के रेट बढऩे से निर्माणाधीन मकानों की लागत में 20 फीसदी तक वृद्धि हो गई। इसका भार अब मध्यम वर्ग को सहन करना पड़ रहा है। नगर निगम के अधीन प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक बीएलसी मकानों में भी हितग्राहियों को 2.50 लाख रुपए के अनुदान में मकान का निर्माण पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। वे इसकी शिकायत नगर निगम योजना कार्यालय में भी करते देखे गए हैं।
लागत वृद्धि से शुरू नहीं कर पा रहे प्रोजेक्ट

ठेकेदार शकील हनीफी ने प्रियदर्शिनी कॉलोनी, गुलमोहर कॉलोनी, खजरी और परासिया रोड में लॉकडाउन से पहले मकान निर्माण के अनुबंध किए थे। अब उनकी हिम्मत बाजार की स्थिति देखकर जवाब दे रही है। वे कह रहे हैं कि निर्माण मटेरियल के साथ मजदूरी दर में भी बढ़ोत्तरी हो गई है। ऐसे हालत में काम करना वाकई चुनौतीपूर्ण है। इससे निम्न आय वर्ग के लोगों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मांग-आपूर्ति में संतुलन बिगडऩे से बढ़े दाम

मटेरियल सामग्री व्यवसाय से जुड़े नरेश साहू का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान मांग-आपूर्ति का संतुलन बिगडऩे से लोहा-सीमेंट के दाम बढ़ गए हैं। सीमेंट की आपूर्ति में पहले कमी थी, अब आवागमन शुरू होने से सुधर गई है। नगर निगम ठेकेदार एसोसिएशन अध्यक्ष देवेन्द्र धनोरिया ने भी कहा कि रेत, सीमेंट और लोहा के दाम बढऩे से निर्माण लागत में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है।
मटेरियल सामग्री में इस तरह आया उछाल

सामग्री —- मार्च —- जून
सीमेंट —- 280 —- 330 रुपए प्रति बोरी
लोहा —- 4200 —- 4600 रुपए प्रति क्विंटल
रेत —- 3000 —- 4000 रुपए ट्रैक्टर ट्रॉली
मिस्त्री —- 400 —- 450-500 रुपए प्रतिदिन मजदूरी
कुली —- 225 —- 250-300 रुपए प्रतिदिन मजदूरी
रेजा —- 180 —- 210 रुपए प्रतिदिन मजदूरी
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