script‘मातृशक्तियों’ को भटका रहा स्वास्थ्य विभाग, जानें वजह | 'Maternal powers' floundering, health department, cause reason | Patrika News

‘मातृशक्तियों’ को भटका रहा स्वास्थ्य विभाग, जानें वजह

locationछिंदवाड़ाPublished: May 02, 2019 11:41:24 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

शासन की सुस्त प्रणाली बनी मुसीबत

छिंदवाड़ा. मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने तथा संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शासन कई तरह की योजनाओं का संचालन करता हैै, लेकिन विभागीय सुस्त प्रणाली की वजह से हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। जिम्मेदार भी एक-दूसरे पर बात को टालकर बचने का प्रयास करते रहते है।
यह स्थिति मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा समेत पूरे प्रदेश में बनी हुई है, जिसकी वजह से करीब दो माह से जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री संबल योजना, नसबंदी योजना समेत अन्य कार्यक्रम का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के गायनिक विभाग में प्रतिदिन औसत 30 तथा जिले की विभिन्न संस्थाओं में 60 डिलेवरी होती है, जिसमें 15 से 20 प्रकरण मुख्यमंत्री संबल योजना के होते है।
इस योजना में हितग्राही को सभी योजनाएं मिलाकर 16000 रुपए मिलते है। वहीं जननी सुरक्षा योजना के तहत शासकीय संस्था में प्रसव कराने पर शहरी हितग्राही को 1000 तो ग्रामीण को 1400 रुपए की आर्थिक मदद मिलती है। साथ ही नसबंदी (सीटीटी) की प्रत्येक हितग्राही को 2200 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

फैक्ट फाइल – जिला अस्पताल में भुगतान के लिए लंबित प्रकरण –

योजना का नाम लंबित प्रकरण की संख्या हितग्राही को मिलने वाली राशि

1. जननी सुरक्षा योजना (जेएसवॉय) 750 शहरी 1000 तथा ग्रामीण 1400
2. मुख्यमंत्री संबल योजना 68 सोलह हजार रुपए (16000)

3. नसबंदी योजना (सीटीटी) 80 दो हजार 200 रुपए


(स्रोत – शासकीय चिकित्सा संस्था छिंदवाड़ा)

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