15 दिन से ज्यादा के पौधों में प्रकोप
जिले में जिन किसानों ने 20 जून के पहले बोनी की थी और जहां पौधे 15 दिन से ज्यादा के हो गए हैं, उनमें इस कीट ने आक्रमण कर दिया है। जिले में कई इलाकों में किसानों ने इस दौरान बोनी कर दी थी। गर्मी ज्यादा होने और पानी न गिरने के कारण इन पौधों में आर्मी वर्म को अनुकुल मौसम मिला और उसने आक्रमण कर दिया। अधिकारियों ने किसानों को सचेत करते हुए गम्भीरता और सूक्ष्मता से पौधों को देखने और कीट दिखने पर उसके प्रभावी उपाय करने कहा है।
अभी भी किया जा सकता है नियंत्रण
कीट विशेषज्ञों का कहना है कि अभी यह कीट दूसरी अवस्था में है। पूरी इल्ली बनने में इसे समय लगेगा। इसलिए यदि अभी इसका उपाय किया जाए तो कीट को नष्ट किया जा सकता है। किसान घबराए नहीं। खेत में पौधों की पत्तियों में लम्बाई में जो छिद्र दिखाई दे रहे हैं, नजदीक से पोंगली के अंदर देखो और यदि इल्ली दिखाई दे तो कीटनाशक का छिडक़ाव करें।
ये दवाई डाले किसान
आर्मी वर्म को नियंत्रण में करने के लिए किसानों को इमामेक्टीन बेन्झोएट 5 एसजी 0.5 ग्राम दवा प्रति लीटर के दर से आठ से दस पम्प प्रति एकड़ में घोल को मक्के की पोंगली की दिशा में छिडकऩे कहा है। जहां पर अभी आक्रमण कम या नहीं दिखाई दे रहा है वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से क्लोरपायरीफास 20 ईसी 2 मिली प्रति लीटर की दर से छिडकऩे कहा गया है। खेत में अधिक आक्रमण दिखाई देने पर प्निोसड 45 एससी 0.3 मिमी, क्लोरअन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रतिशत एससी 0.3 मिली इंडोक्झेकार्ब 14.5 प्रतिशत एससी 0.1 मिली या थायोमेथाक्टम लम्बडासायहलोथिन 0.5 मिली दवा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिडकऩे को कहा है। उपसंचालक ने कहा है कि यह दवाएं दुकानों पर उपलब्ध है। इसके अलावा एनएफएल
और इफकों की दवाएं कुछ मात्रा में कृषि विभाग के पास है। इस संबंध में किसान कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं। विभाग इन दवाओं को कंपनी से और बुला रहा है ताकि किसानों को विभाग के जरिए भी दवाएंउपलब्ध कराई जा सके।