छिंदवाड़ा/ महिला कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग ने सोमवार को धम्मचक्र परिवर्तन दिवस मनाया। मुख्यमंत्री को एक आवेदन भी सौंपा, जिसमें जिले के एससी-एसटी थानों में अनुसूचित जाति को समुचित न्याय मिले, ऐसी व्यवस्था करने की मांग उठाई गई।
विभाग की जिला कार्यवाहक अध्यक्ष आम्रपाली नारनवरे एवं नगर के पदाधिकारियों ने स्थानीय आम्बेडकर तिराहे पर सर्वप्रथम डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित की। तथागत् भगवान गौतम बुद्ध के छायाचित्र के समक्ष मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। आम्रपाली ने इस दिवस का महत्व बताते हुए कहा गया कि आज ही के दिन बाबा साहेब ने अपने लाखों अनुयायियो के साथ मिलकर नागपुर महाराष्ट्र की दीक्षाभूमि पर बौध्द धर्म की दीक्षा ली थी। इसके बाद अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आम्बेडकर तिराहे पर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे थे। आम्रपाली समेत अन्य पदाधिकारियों ने सीएम स्वागत किया। उन्हें ज्ञापन देेते हुए यह मांग की गई कि जिले में जहां-जहां अनुसूचित जाति जनजाति थाने हैं, वहां पर थानेदार एवं विवेचना अधिकारी अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारी होने चाहिए, जिससे अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को उचित न्याय मिल सके। इस दौरान विभाग की नगर अध्यक्ष संतोषी गजभिये, शीतल डोंगरे, मंदाकिनी सहारे, राधा मेश्राम समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आम्बेडकर तिराहे पर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे थे। आम्रपाली समेत अन्य पदाधिकारियों ने सीएम स्वागत किया। उन्हें ज्ञापन देेते हुए यह मांग की गई कि जिले में जहां-जहां अनुसूचित जाति जनजाति थाने हैं, वहां पर थानेदार एवं विवेचना अधिकारी अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारी होने चाहिए, जिससे अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को उचित न्याय मिल सके। इस दौरान विभाग की नगर अध्यक्ष संतोषी गजभिये, शीतल डोंगरे, मंदाकिनी सहारे, राधा मेश्राम समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सजग परिसद ने संगोष्ठि आयोजित की सर्व जागृृति गण परिषद (सजग) से जुड़े लोगों ने सोमवार को इएलसी हॉस्टल में धम्मचक्र परिर्वतन दिवस पर संगोष्ठि आयोजित की। संस्था के संयोजक कृपाशंकर यादव ने बताया कि आम्बेडकर तिराह पर आयोजित कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए। वहीं संध्याकाल में सजग सरगम मंडल ने संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में बालक दास बागड़े, उमेश वर्मा, गुलाबचंद सोनी, डॉ. केएल पाल, इंजी. रोशनलाल माहोरे, वासुदेव साधवानी, रविंद्र सिंह कुशवाह, शोभाराम बैठवार, मुरलीधर ओक्टे, लक्ष्मण राव दौडक़े, अरुण जैन, अमरसिंग यादव, ज्योतीबाई, सुन्दरबाई, देवकीबाई, शशिकांता, शिवम यादव, लक्ष्मीबाई आदि की सहभागिता रही।