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खदानें बंद, कामगारों के हाथ खाली

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 16, 2017 05:42:02 pm

Submitted by:

arun garhewal

संवेदनशील पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को छोड़कर अन्य का स्थानांतरण अन्य खदानों में करने की तैयारी प्रबंधन ने कर ली है। पेंच महाप्रबंधक ने इस संबंध में शुक्रवार देर शाम संयुक्त समन्वय समिति के साथ बैठक की जो देर रात तक जारी रही।

Mines closed hands down workers

Mines closed hands down workers

छिंदवाड़ा. परासिया. विष्णुपुरी खदान क्रमांक एक के बंद करने के निर्णय के बाद यहां कार्यरत लगभग 335 कामगारों पर तबादला का संकट गहराने लगा है।
संवेदनशील पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को छोड़कर अन्य का स्थानांतरण अन्य खदानों में करने की तैयारी प्रबंधन ने कर ली है। पेंच महाप्रबंधक ने इस संबंध में शुक्रवार देर शाम संयुक्त समन्वय समिति के साथ बैठक की जो देर रात तक जारी रही।
कोल इंडिया ने घाटे में चल रहे 217 खदानों को बंद करने का निर्णय लिया है। कलकत्ता में आयोजित अपेक्स की बैठक में श्रम संगठन तथा प्रबंधन के उच्च अधिकारियों ने प्रथम चरण में 37 खदानो को बंद करने का निर्णय लिया जिसमें वेकोलि की दस खदाने है जिसमें पेंच कन्हान क्षेत्र की पांच खदान शामिल हैं। जून में सहायक श्रम आयुक्त के साथ श्रम संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक में तय हुआ कि जेसीसी एवं वेकोलि संचालन समिति को विश्वास में लेकर ही खदानों को बंद करने पर निर्णय लिया जाएगा। लेकिन प्रबंधन ने सख्त रूख दिखाते हुए प्रस्तावित खदानों को बंद करना शुरू कर दिया है। जिसके अंतर्गत विष्णुपुरी कोयला खदान को बंद किया गया है।
प्रबंधन ने बैठक में खदान बंद करने की जानकारी दी जिसका इंटक ने पुरजोर विरोध किया है। खदानों के बंद करने के फैसले का व्यापक असर पडेगा। शनिवार को इंटक कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गयी है जिसमें आंदोलन की रणनिति पर विचार विमर्श किया जाएगा।
सोहन वाल्मिक विधायक, रीजनल अध्यक्ष इंटक
खदान बंद करने का निर्णय मजदूर विरोधी और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का है।
अलाउद्दीन खान अध्यक्ष, एचएमएम
संयुक्त समन्वय समिति में खदान को लेकर बातचीत की जा रही है।
सोहाग पांडया,महाप्रबंधक पेंच क्षेत्र
18 नवम्बर को दिल्ली में बीएमएस के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया था कि घाटे के नाम पर किसी भी खदान को बंद नहीं करेंगे, लेकिन इसके बाद भी वेकोलि प्रबंधन श्रमसंगठनों को बिना विश्वास में लिए खदान बंद करने का निर्णय ले रहा है।
शिवदयाल बिसंदरे, महामंत्री बीएमएस

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