छिंदवाड़ा

50 हजार में किया नाबालिग का सौदा

राजस्थान में बेची गई नाबालिग बरामद, आरोपित भी गिरफ्तार, माहुलझिर थाना पुलिस की कार्रवाई

छिंदवाड़ाJul 23, 2019 / 11:34 am

prabha shankar

Minor deals done in 50 thousand

छिंदवाड़ा. मानव खरीद फरोख्त का एक बड़ा मामला सामने आया है। करीब दो साल पहले माहुलझिर निवासी नाबालिग अचानक गायब हुई थी, जिसे राजस्थान के कोटा से माहुलझिर थाना पुलिस ने बरामद किया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि उसे 50 हजार रुपए में बेचा गया था। कोटा के दलाल रामभरोस ने खरीदने के बाद उसकी शादी कोटा निवासी महावीर किरार से करा दी थी। सोमवार को पुलिस ने आरोपित महावीर को न्यायालय में पेश किया, यहां से उसका जेल वारंट काट दिया गया।
नाबालिग के गुम होने पर परिजन ने माहुलझिर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने नाबालिग होने के कारण अपहरण सहित अन्य धारा में प्रकरण दर्ज किया, लेकिन गम्भीरता से तलाश नहीं की। पुराने मामलों की फाइल खंगालने पर एसपी मनोज कुमार राय के सामने यह मामला आया तो उन्होंने प्रकरण की जांच के निर्देश दिए। जांच में सामने आया कि देलाखारी निवासी दम्पती और एक महिला नाबालिग की खरीद फरोख्त के मामले में जेल जा चुके हैं और जमानत पर छूटने के बाद दोबारा किसी मामले में जेल में बंद हंै। एसपी मनोज कुमार राय, एएसपी शशांक गर्ग एवं जुन्नारदेव एसडीओपी के मार्गदर्शन में एक टीम राजस्थान पहुंची थी। टीम ने वहां की पुलिस की मदद से कोटा निवासी महावीर किरार के घर पहुंची तो वहां अपहृत नाबालिग मिली। महावीर को हिरासत में लिया और नाबालिग को बरामद कर टीम छिंदवाड़ा लौटी। महावीर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने दो साल पहले कोटा के दलाल रामभरोस से नाबालिग को 50 हजार रुपए में खरीदा और शादी की।
इन्होंने बेची थी नाबालिग
देलाखारी निवासी शांति पति लक्ष्मी कहार और मीना कहार नाबालिग को बेचने के मामले में पहले भी जेल जा चुके हैं। कुछ समय बाद सभी जेल से छूटे और उन्होंने माहुलझिर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग का अपहरण कर उसे 50 हजार रुपए में कोटा के दलाल रामभरोस को बेच दिया। इस मामले में शांति और उसका पति लक्ष्मी कहार जेल में बंद हैं, जबकि मीना कहार फरार चल रही है। जानकारी हाथ लगते ही पुलिस टीम रवाना हुई और नाबालिग को बरामद कर लिया। फिलहाल इस मामले में अभी मीना कहार और रामभरोस की तलाश जारी है। नाबालिग को बरामद करने और आरोपित को गिरफ्तार करने में टीम की अहम भूमिका रही है। उपनिरीक्षक दीपक सिंह यादव, आरक्षक नीरज, सौरभ मिश्रा एवं महिला आरक्षक मनीषा की अहम भूमिका रही

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