scriptसरकारी लेटलतीफी से खरीफ बोवनी के बाद आए तुअर, उड़द बीज के मिनी किट | Mismanagement | Patrika News

सरकारी लेटलतीफी से खरीफ बोवनी के बाद आए तुअर, उड़द बीज के मिनी किट

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 25, 2021 12:19:07 pm

Submitted by:

prabha shankar

बदइंतजामी: कोरोना संक्रमण काल में केन्द्र और राज्य की तीन योजनाएं बंद

farmers

farmers

छिंदवाड़ा। खरीफ सीजन में इस साल कोरोना संक्रमण की छाया के चलते किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ बोवनी के समय नहीं मिल पाया। जिले में 90 फीसदी बुआई के बाद सीमित संख्या में तुअर और उड़द बीज के मिनी किट भेजे गए तो वहीं कलस्टर योजना में मक्का बीज पर अनुदान आया। इसकी उपयोगिता कम रह गई है।
कृषि विभाग की मानें तो राज्य सरकार की अन्नपूर्णा और सूरजधारा योजनाएं पिछले एक साल से स्थगित कर दी गई हंै। केंद्र सरकार की बीज ग्राम योजना का सहारा भी किसानों को नहीं मिल पाया। केवल कलस्टर योजना में मक्का बीज और उसकी सब्सिडी भेजी गई है। यह भी इतना लेट आया जब किसानों ने अपने खेतों में अधिकांश बोवनी पूर्ण कर ली है।
इसी तरह तुअर और उड़द बीज के एक हजार से ज्यादा मिनी किट जिले के 11 विकासखण्डों के लिए आए। उनकी बोवनी भी किसान कर चुके हैं।
अधिकारी भी मान रहे हैं कि ये मिनी किट और मक्का जून के पहले ही छिंदवाड़ा आ जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में कफ्र्यू की आपाधापी के चलते ये पहुंच नहीं पाया। अब इसके पात्र किसान नहीं मिल पा रहे हैं। जबकि समय पर आने से इसके रकबा में सुधार हो सकता था।

मक्का का भाव न मिलने पर घटा रकबा
कृषि विभाग द्वारा इस साल खरीफ में मक्का का रकबा 2.50 लाख हैक्टेयर जरूर निर्धारित किया गया था, लेकिन पिछले कृषि सत्र में भाव न मिलने से किसान निराश हो गए। उन्होंने इस फसल का रकबा कम करते हुए सोयाबीन, धान और तुअर को बढ़ा दिया। इसके लिए निजी क्षेत्र से बड़ी मात्रा में बीज भी खरीदा। केन्द्र की कलस्टर योजना से मक्का बीज पहुंचा तो उसके लिए भी किसान सामने नहीं आ रहे हैं।

इनका कहना है
कृषि विभाग को सीमित संख्या में तुअर, उड़द बीज के मिनी किट मिले हैं तो मक्का बीज भी आया है। इनका किसानों के बीच वितरण कराया जा रहा है।
जेआर हेडाऊ, उपसंचालक कृषि।

ट्रेंडिंग वीडियो