scriptDistrict: जिले में वैध कम अवैध कॉलोनियां की संख्या ज्यादा | More number of legal less illegal colonies in the district | Patrika News

District: जिले में वैध कम अवैध कॉलोनियां की संख्या ज्यादा

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 24, 2021 01:43:34 pm

Submitted by:

babanrao pathe

एक पूर्ण विकसित कॉलोनी को बनाने और फिर उसके मकान या प्लॉट को बेचने से पहले कई प्रशासनिक अनुमति लेनी होती है।

FRAUD

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छिंदवाड़ा. एक पूर्ण विकसित कॉलोनी को बनाने और फिर उसके मकान या प्लॉट को बेचने से पहले कई प्रशासनिक अनुमति लेनी होती है। अनुमति लेने मात्र से भी काम नहीं चलता, क्योंकि जिस जगह पर कॉलोनी बनाई जा रही है या प्लॉट बेचे जा रहे हैं, वहां सारी व्यवस्था भी होनी चाहिए, लेकिन ऐसा तो केवल चंद कॉलोनियों में ही नजर आता है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि जिले में अवैध कॉलोनियों का मकड़ जाल है, जिसमें आमजन बुरी तरह फस रहे हैं।

शहर हो या फिर गांव कॉलोनी या प्लॉट बेचने के लिए सभी जगह लगभग एक जैसे नियम है, जिनका पालन करना भी अनिवार्य है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। पिछले पांच सालों में प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री करने में वे लोग भी उतर गए हैं जिनके पास कोई वैध लाइसेंस नहीं है। नियमानुसार जिस जगह का एक भी प्लॉट नहीं बेचा जा सकता वहां लोग कॉलोनी बना रहे हैं। नियम कहता है कि कृषि भूमि पर प्लॉटिंग नहीं की जा सकती, कॉलोनी भी नहीं बनाई जा सकती तो जिला मुख्यालय के आस-पास और ग्रामीण क्षेत्रों में बेचे जा रहे प्लॉट और बनाई जा रही कॉलोनियां पूरी तरह से अवैध है, क्योंकि अधिकांश निर्माण कृषि भूमि पर ही हो रहे हैं। यह प्रशासन की मिलीभगत के बैगर सम्भव ही नहीं है, लेकिन बाद में जब किसी जगह मामला अटक जाता है तब प्रशासन अपने हाथ खड़े कर अपने आपको बचा लेता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान उन कॉलोनाइजरों को हो रहा है जो सभी तरह की अनुमतियां लेकर कार्य कर रहे। वर्तमान में अवैध तरीके से कॉलोनी बनाने वाले कॉलोनाइजरों के खिलाफ जारी कार्रवाई में प्रशासन की तरफ से भेदभाव साफ नजर आ रहा है, क्योंकि शहर के अंदर ही 100 कॉलोनाइजर ऐसे हैं जिनके पास कॉलोनाइजर का लाइसेंस नहीं है फिर वे धड्ल्ले के साथ कॉलोनी बना रहे हैं और बेच रहे, यह प्रशासन के मुंह पर भी तमाचा सा है।

शहर हो या गांव यह है जरूरी
शहर में कॉलोनी बना रहे हैं या फिर गांव में कुछ अनुमति के साथ ही यह कार्य आवश्यक होते हैं, उनमें सबसे पहले तो कॉलोनी बनाने वाले या प्लॉट बेचने वाले व्यक्ति के पास कॉलोनाइजर का लाइसेंस होना चाहिए। जमीन का टाउन एण्ड कंट्री प्लॉनिंग से लेआउट पास करना होगा। एसडीएम ऑफिस से डायवर्जन, कलेक्ट्रेट से विकास की अनुमति लेनी होगी, प्लॉट बंधक रखा जाएगा, विकास की अनुमति मिलने के बाद जमीन पर रोड, नाली, पानी, बिजली की व्यवस्था करना होगा, कार्यपूर्ण का प्रमाण पत्र मिलने के बाद, बंधक प्लॉट भी बेच सकते हैं, रेरा का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। वर्तमान में इन नियमों और कायदों की धज्जियां उड़ रही है।

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