पांढुर्ना. वैसे तो चिकित्सकों ने ये माना है कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है। परंतु शहर के शिशु रोग चिकित्सक डॉ. मिलिंद गजभिए के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मां का दूध नवजात के दर्द को कम करने की भी ताकत रखता है। डॉ. गजभिए ने लगभग डेढ़ सौ बच्चों पर आठ माह तक किये अपने अध्ययन में पाया है कि कि शक्कर पानी की अपेक्षा मां का दूध पिलाते हुए यदि नवजात शिशु को टीका लगाया जाए तो उसे होने वाला दर्द बहुत कम हो जाता है। डॉ. मिलिंद के इस शोध अध्ययन को दिल्ली के जनरल ऑफ क्लिनिकल एंड डाईग्नोस्टिक रिसर्च ने भी माना है और इस शोध का प्रकाशन दिसंबर में किया है। डॉ. मिलिंद गजभिए ने बताया कि पहले के जमाने में यह माना जाता था कि नवजात शिशुओं को दर्द नहींं होता है। परंतु समय के साथ यह सोच खत्म हुई और नवजात के दर्द को कम करने के लिए शक्कर का मीठा पानी पिलाया जाने लगा। डॉ. मिलिंद ने शोध में मीठे पानी और मां के स्तनपान के दौरान टीका लगाने का अध्ययन किया जिसमें बच्चें की धड़कन और उसका रोना और भी कम करने की बात सामने आई अधिक दर्द देने से चिड़चिड़े हो जाते है बच्चें: बच्चों को बचपन में अधिक दर्द देने से वे बड़े होकर चिड़चिड़े हो जाते है इसलिए उन्हें बचपन में उपचार के दौरान टीके के अलावा अन्य किसी प्रकार का दर्द नहीं देने की सलाह शिशु रोग विशेषज्ञ देते है। डॉ. मिलिंद ने टीके के दौरान होने वाले दर्द को भी और कम कैसे किया जा सकता है इस पर अच्छा षोध किया जिसकी सराहना की जा रही है। 150 शिशुओं पर किया शोध:. डॉ. मिलिंद ने रीवा के श्यामशाह मेडीकल कॉलेज में पीजी के दौरान 8 माह तक नॉर्मल डिलेवरी से पैदा हुए स्वस्थ्य 150 शिशुओं पर अलग अलग परीक्षण किया। पहले 50 शिशुओं को नॉर्मल टीका लगाकर अध्ययन किया गया इसके बाद 50 शिशुओं को शक्कर का मीठा पानी पिलाकर टीका लगाया इसके बाद मां का स्तनपान करते हुए शिशु को टीका लगाकर अध्ययन किया गया जिसमें बच्चें पर दर्द का असर कम दर्ज किया गया।