छिंदवाड़ा

Motivation : ‘चुनौतियां स्वीकार करने वाले ही होते हैं सफल’

कुंडालीकलां में राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर का शुभारम्भ

छिंदवाड़ाFeb 26, 2020 / 12:38 pm

Rajendra Sharma

nss camp

छिंदवाड़ा/ श्रम, सेवा, सहयोग की भावना से कार्य करने को संकल्पित शाउम विद्यालय कुंडालीकलां की रास्ट्रीय सेवा योजना इकाई का ‘बाल संरक्षण के लिए युवा’ विषय पर सात दिवसीय शिविर शुरू हुआ।
संस्था के प्राचार्य गिरीश शर्मा के मार्गदर्शन में शिविर की शुरुआत की गई। इस मौके पर एनएसएस के जिला संगठक डॉ वायके शर्मा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इसके अलावा विशेष अतिथि कार्यक्रम अधिकारी विनोद तिवारी एवं उपसरपंच द्वारका वंशकार थे।
कार्यक्रम अधिकारी भानु गुमास्ता, शिक्षक अजय केकतपुरे की उपस्तिथि में स्वयं सेवकों ने अतिथियों को रासेयो के बैच लगाकर स्वागत किया। इस अवसर पर जिला संगठक शर्मा ने कहा कि आप सभी रासेयो के स्वयंसेवक समाजसेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व विकास करेंगे। शिविर बहुआयामी शिविर हो इसके लिए मैं नहीं तुम की भावना से कार्य करते हुए रास्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य को पूरा करें। उन्होंने कहा कि जो चुनौतियां स्वीकार करता है उसे ही सफलता मिलती है।
इस अवसर पर विनोद तिवारी ने रासेयो के बैच का महत्व बताते हुए कहा कि तीन रंगों में सफेद रंग शांति, नीला रंग सदभाव एकता सभी को साथ लेकर चलने का प्रतीक एवं लाल रंग उत्साह का प्रतीक है। चक्रमें आठ तीलियां, आठ पहर सजग रहने की प्रतीक हैं।
एनएसएस शिविर के माध्यम से समाज मे फैल रहीं कुरीतियों को दूर करने जागरुकता रैली, नारो एवं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
संस्था प्राचार्य ने कहा कि कार्यक्रम अधिकारी भानु गुमास्ता के साथ ये स्वयंसेवक शिविर के माध्यम से गांव की तस्वीर बदलने में अपना पूरा योगदान देंगे। श्रमदान से सोकपिट का निर्माण, स्वच्छता का संदेश एवं स्वास्थ्य जागरुकता पर कार्य करेंगे।
उपसरपंच वंशकार ने कहा कि ग्राम में राष्ट्रीय सेवा योजना का शिविर लगा है, गांव की ओर से पूरा सहयोग रहेगा। हम ग्रामीण भी रासेयो स्वयंसेवकों के साथ मिलकर ग्राम हित में कार्य करेंगे। कर्यक्रम अधिकारी भानु ने कहा कि श्रमदान से स्वयंसेवक श्रम के महत्व से जुड़ेने के साथ ही पर्यवारण जागरुकता बर्ड बॉचिंग, ट्रेकिंग, ओषधि पौधों की जानकारी और बाल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य करेंगे। पहले दिन स्वयंसेवक ने खेल के माध्यम से लीडरशिप के गुर सीखे। अंत में अजय केकतपुरे ने आभार व्यक्त किया।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.