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जनता का फूटा नेताओं पर आक्रोश, इन मुद्दों से किया घेराव, देखें वीडियो…

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 27, 2018 11:51:17 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

जुन्नारदेव से छिंदवाड़ा तक बस यात्रा: जनता से सीधा संवाद, चुनावी वादों से नहीं होंगे भ्रमित

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छिंदवाड़ा. चुनावी मौसम में नजर आने वाले नेताओं और उनके वादों से आम जनता भ्रमित नहीं होने वाली है। अब लोगों को विकास, रोजगार, सुविधाएं और सुरक्षा चाहिए। बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। डीजल-पेट्रोल, गैस और आम जरूरत की वस्तुओं की बढ़ी कीमतों से उबरना मुश्किल होता जा रहा है। ये बातें जुन्नारदेव तथा परासिया से प्रतिदिन सफर करने वाले राहगीरों ने कही। बस में चर्चा के दौरान रोजगार, पढ़ाई, नौकरी व मजूदरी करने वाले लोगों कई मुद्दे गिनाएं।
सबने आम जनता का दर्द समझने वाली सरकार चुनने की बात कही। लोगों ने बताया कि प्रशासकीय जटिल व्यवस्था से शासकीय योजनाओं का लाभ मिलना आसान नहीं होता है। उचित मॉनिटरिंग नहीं होने से योग्यता रखने वाला गरीब तरसता है, जबकि सक्षम व्यक्ति मजा मारता है। इतना ही नहीं विकलांग पेंशन, वृद्धा पेंशन और मजदूरी की दर में वर्तमान में व्याप्त महंगाई के आधार पर नहीं बढ़ी है। तकनीकी शिक्षा तथा मौलिक शिक्षा का स्तर आज भी अन्य प्रदेशों की अपेक्षा कमजोर है। एेसा नहीं है कि सरकार योजनाएं बनाती नहीं है, लेकिन उचित क्रियान्वयन नहीं होने से जमीनीस्तर पर लाभ नहीं मिल पाता है।
डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों के आधार पर किराया बढ़ाओ तो यात्री आक्रोशित होते हंै। एेसे में परिवहन व्यवसाय और परिवार चलाना कठिन है। सरकार शराब, सिगरेट के दामों में वृद्धि नहीं करती और आम लोगों से जुड़ी चीजों के दाम पर नियंत्रण नहीं करती है।

जावेद खान, वाहन चालक


दमुआ से हर दिन पढऩे के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना होता है। कॉलेज प्रशासन दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों को न तो बस और न ही छात्रावास उपलब्ध कराता है। परासिया के खिरासाडोह में स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में कैंटीन सुविधा भी नहीं है, जबकि वह शहर से काफी दूर है।

साहिल अंसारी , छात्र


बढ़ती महंगाई ने जीना दूभर कर दिया है। हर बार चुनाव के समय नेता बड़े-बडे़ वादे करते हंै, लेकिन उसे पूरा करने में पांच साल भी कम पड़ जाते हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से हर दिन छिंदवाड़ा आना -जाना पड़ता है।
मोहित, नौकरीपेशा


जलस्तर काफी नीचे है। कई सरकारें आई-गईं, लेकिन किसी ने क्षेत्र में पेयजल की समस्या दूर नहीं की। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हंै, लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिला। कई बार आवेदन भी किया पर जटिल तंत्र से लाभ नहीं मिल सका है।

दुर्गाप्रसाद, नौकरीपेशा


सरकार जनता के लिए योजनाएं तो बनाती है, लेकिन उचित क्रियान्वयन नहीं होने से बिचौलिए लाभ उठा लेते हैं और जरूरतमंद भटकते रहते हंै। सरकार को रोजगार के आयाम सृजित करना चाहिए तथा क्षेत्र के आधार पर उद्योग स्थापित करना चाहिए।

जितेंद्र राय, छात्र


महंगाई के आधार पर गरीबों की पेंशन और मजदूरी में वृद्धि नहीं की जाती है। बेरोजगारी की समस्या से क्षेत्र के युवा परेशान हंै। बंद होती खदानों के बाद सरकार ने रोजगार के नए विकल्प तैयार नहीं किए हैं। हर बार लोग ठगी का शिकार बनते हैं।

नंदा झरबड़े


प्रदेश में शिक्षा का स्तर काफी निम्न है। आज भी कई स्कूल एेसे हैं जहां कई बच्चों पर एक शिक्षक है या एक भी नहीं है। तकनीकी शिक्षा तथा मौलिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार को योजनाएं बनाना चाहिए।

अजय राय

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