वैध करवाना है जरूरी
शहर में स्वीकृत नक्शे के अनुसार बने हुए मकान उंगलियों में गिने जा सकते हैं। जबकि इसके विपरीत बने हुए मकानों की गिनती हजारों में है। दरअसल जब निगम नक्शा स्वीकृत करता है तब से लेकर मकान पूरा बनने तक कई परिवर्तन भवन मालिक करवा लेता है। देखते ही देखते कई बार स्वीकृत क्षेत्रफल से मकान का क्षेत्रफल अधिक हो जाता है। इसकी नाप कर निगम या तो उनसे कम्पाउंडिंग कर की अतिरिक्त राशि जमा करवाता है या उतने हिस्से को तोड़ दिया जाता है।
इस तरह होता है आवेदन
निगम अधिकारियों ने बताया कि आवेदन की समस्त प्रक्रिया खुद भवन मालिक इ-नगर पालिका पोर्टल पर जाकर कर रहे हैं। इसके लिए अपनी आइडी बनाकर इ-सर्विसेज विकल्प में जाकर भवन योजना अनुमोदन का चयन करना पड़ता है। ऑटोमेटेड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम सेकंड वेब पेज के माध्यम से कम्पाउंडिंग सीमा में तय की गई 30 प्रतिशत की वृद्धि के नए नियमों के अनुसार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इनका कहना है
अब तक करीब सौ से अधिक भवन मालिकों ने सवा महल करोड़ रुपए जमा करके 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त हिस्से का वैध कराने का लाभ लिया है। इसमें उन्हें कंपाउंडिंग राशि में 20 प्रतिशत की छूट भी दी गई है।
मोहन नागदेव, कार्यालय अधीक्षक नगर निगम