छह माह में हो जाती है श्वानों की संख्या दोगुनी
आवारा श्वानों की नसबंदी नहीं की जाए तो उनकी संख्या छह माह में दोगुनी हो जाती है। सार्वजनिक स्थल और गली-मोहल्लों में इनकी संख्या को तेजी से बढ़ते हुए देखा जा सकता है। फिर गली में अनजान व्यक्तियों के देखने पर डॉग बाइट की समस्या बन जाती है।
आवारा श्वानों की नसबंदी नहीं की जाए तो उनकी संख्या छह माह में दोगुनी हो जाती है। सार्वजनिक स्थल और गली-मोहल्लों में इनकी संख्या को तेजी से बढ़ते हुए देखा जा सकता है। फिर गली में अनजान व्यक्तियों के देखने पर डॉग बाइट की समस्या बन जाती है।
पांच सौ से ज्यादा रैबीज इंजेक्शन का औसत
शहर समेत पूरे जिले से जिला अस्पताल आने वाले डॉग बाइट के केस की संख्या देखी जाए तो एक माह में पांच सौ से ज्यादा है। इतने रैबीज इंजेक्शन पीडि़तों को लगाने पड़ते हैं। इसके अलावा गैर सरकारी आंकड़ा अलग है। मेडिकल स्टोर्स से भी इन इंजेक्शनों की खपत हो रही है। इससे डॉग बाइट की स्थिति को समझा जा सकता है।
शहर समेत पूरे जिले से जिला अस्पताल आने वाले डॉग बाइट के केस की संख्या देखी जाए तो एक माह में पांच सौ से ज्यादा है। इतने रैबीज इंजेक्शन पीडि़तों को लगाने पड़ते हैं। इसके अलावा गैर सरकारी आंकड़ा अलग है। मेडिकल स्टोर्स से भी इन इंजेक्शनों की खपत हो रही है। इससे डॉग बाइट की स्थिति को समझा जा सकता है।
निगम का आवारा श्वान नियंत्रण कार्यक्रम में बकाया भुगतान बजट न होने के चलते नहीं हो पा रहा है। जैसे ही निगम के पास बजट उपलब्ध होगा, उसे शुरू कराया जाएगा।
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम