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Municipal Corporation: अधिकारियों का कमजोरी का जमकर फायदा उठाया भू-माफिया ने, जानिए कैसे

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 04, 2020 05:14:51 pm

Submitted by:

prabha shankar

Municipal Corporation: निगम में पूछो तो नहीं मिलेगा 24 गांवों की अचल संपत्ति का रिकॉर्ड,वार्ड प्रभारी खोज रहे तालाब, सामुदायिक भवन व जमीनों की लीज, निगम आयुक्त ने आते ही राजस्व कर्मचारियों को सौंपी जिम्मेदारी

Municipal Corporation: The land mafia took advantage

Municipal Corporation: The land mafia took advantage

छिंदवाड़ा/ नगर निगम के गठन के समय वर्ष 2014-15 में हस्तांतरित हुए 24 गांवों की अथाह अचल सम्पत्ति आई, लेकिन इसका आज तक व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं बन पाया। इससे स्थिति यह बनी कि कहीं भी कोई भी जमीन पर कब्जा कर बैठा तो निगम कार्यालय में रिकॉर्ड का जवाब न में मिला। इस स्थिति को देखते हुए नगर निगम आयुक्त हिमांशु सिंह ने आते ही राजस्व कर्मचारियों को सबसे पहले पूरे निगम क्षेत्र की अचल संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार करने को कहा है।
निगम से पहले तत्कालीन नगरपालिका में पुराने शहर के 39 वार्ड थे। इसके बाद निगम गठन में 11 नए वार्ड ग्रामीण इलाकों से बने। इन क्षेत्रों में पंचायत के समय की दुकानें, तालाब, सामुदायिक भवन, लीज की जमीन समेत अन्य सम्पदा पंचायत सचिवों ने निगम को ट्रांसफर की। इसके बाद जितने भी आयुक्त पदस्थ हुए, उनका इस अचल सम्पत्ति की जानकारी एकत्र करने पर कभी ध्यान नहीं गया। इससे इस सम्पदा का रिकॉर्ड निगम कार्यालय में कहीं भी पड़ा रहा। इससे कभी यह जानकारी सामने नहीं आ सकी कि कितने भवन, जमीन, दुकानें समेत अन्य संपदा निगम को मिली। इस लापरवाही का फायदा भू-माफियाओं ने जमकर उठाया और जहां-तहां सरकारी जमीनों पर कब्जे हो गए। पंचायतों के समय लीज की जमीन कहां गई? ये भी रिकॉर्ड नहीं रहा। वर्ष 2017 में इसकी जानकारी तैयार करने के लिए पत्र लिखे गए, लेकिन यह मैदानी स्तर पर परवान नहीं चढ़ पाए। निगम कार्यालय में किसी से भी जाकर पूछो तो पंचायतों का व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं मिल पाएगा। फिलहाल आयुक्त हिमांशु सिंह के निर्देश के बाद राजस्व कर्मचारियों का दल पूरे नगर निगम क्षेत्र में फैली अचल संपत्तियों का रिकॉर्ड अपडेट करने में जुटा है। करीब 15 दिन से एक माह के बीच जानकारी एकत्र होने की सम्भावना है।

सिर्फ 2077 दुकानों का रिकॉर्ड की उपलब्ध
निगम राजस्व कार्यालय में अभी शहर भर में फैले शॉपिंग कॉमप्लैक्स की 2077 दुकानों का व्यवस्थित रिकॉर्ड मिल पाएगा। इसमें हर व्यक्ति के नाम दुकानें लिखी हंै। इसके अलावा निगम कार्यालय में कोई दस्तावेज अपडेट नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि जल्द ही 48 वार्डों से जानकारी बुलाकर अचल सम्पत्ति को अपडेट कर दिया जाएगा।

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