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मुख्यमंत्री के शहर में निकाय चुनाव की जोरआजमाइश, जानिए आरक्षण को लेकर क्या है रणनीति

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 08, 2019 01:29:59 am

Submitted by:

prabha shankar

आबादी का अनुपात इस बार प्रदेश के नगर निगमों के महापौर पद के आरक्षण की प्रक्रिया का हिस्सा होगा

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छिंदवाड़ा. छिंदवाड़ा शहर की कुल आबादी में आदिवासियों की संख्या 13.26 फीसदी है तो वहीं इससे कुछ आगे 13.39 प्रतिशत अनुसूचित जाति की बसाहट है। ये आबादी का अनुपात इस बार प्रदेश के नगर निगमों के महापौर पद के आरक्षण की प्रक्रिया का हिस्सा होगा। इस जानकारी को जल्द ही नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा जाएगा। नगर निगम ने मप्र राजपत्र में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर यह जानकारी तैयार की है जिले कलेक्टर के पास भेज भी दिया गया है।
इस जानकारी के मुताबिक छिंदवाड़ा नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या 215843 है। इनमें आदिवासियों की संख्या 28627 तथा अनुसूचित जाति की संख्या 28917 है। कहा जा रहा है कि जब पूरे प्रदेश के नगर निगमों में महापौर पद के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी, तब एसटी-एससी की आबादी जहां की ज्यादा होगी, वहां का महापौर पद इस वर्ग के लिए आरक्षित हो जाएगा। इस मामले में नगर निगम छिंदवाड़ा की आदिवासियों की 13.26 प्रतिशत आबादी को लेकर अलग-अलग चर्चाएं चल रहीं हैं।

तीन निकायों को छोड़ शेष ने नहीं भेजी जानकारी
महापौर और नगरपालिका अध्यक्ष आरक्षण को लेकर आबादी, एससी-एसटी की जानकारी भेजने की तिथि सात जून निर्धारित की गई थी। छिंदवाड़ा, बडक़ुही और हर्रई को छोडकऱ किसी भी निकाय ने इसकी जानकारी नहीं भेजी है। कलेक्टर की ओर से स्मरण पत्र भेजा गया है। इसकी जानकारी आने पर उसे तत्काल नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त को भेजा जाएगा। इस जानकारी के आधार पर ही महापौर और अध्यक्ष आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी।
प्रमुख दलों के दावेदारों में मची खलबली
नगर निगम छिंदवाड़ा के आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों के दावेदारों और नेताओं में खलबली मची हुई है। आदिवासी वर्ग के नेता अपने वर्ग आरक्षण को लेकर कयास लगा रहे हैं तो वहीं सामान्य वर्ग के नेता कह रहे हैं कि जिस तरह लोकसभा के परिसीमन में आदिवासी के पेंच का हल निकाल लिया गया था, उसी तरह निगम के मेयर पद में कोई न कोई हल सत्तारुढ़ दल निकाल लेगा। फिलहाल आरक्षण पद की चर्चा शहर के नुक्कड़ों में होने लगी है।

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