छिन्दवाड़ा का डफी बना सीएम हाउस की पसंद
विदेशी नस्ल का लेब्राडोर को गंध और बम जैसी खोज का स्पेशलिस्ट माना जाता है। इसके चलते ही छिन्दवाड़ा का डफी भोपाल में सीएम हाउस की पसंद बना। पशु चिकित्सको के अनुसार सुरक्षा में इसी नस्ल के डॉग को प्रशिक्षित किया जाता है।
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छिन्दवाड़ा में ही 16 ब्रीडर उपलब्ध करा रहे विदेशी डॉग
छिन्दवाड़ा की 2.15 लाख आबादी में डॉग के शौकीनों की संख्या 5 फीसदी है। लोग खासकर जर्मन शेफर्ड,लेब्रोडोर, डाबरमैन,पोमोलियन,सितज़ू समेत अन्य नस्ल के डॉग पसंद कर रहे है। इस काम मे 16 ब्रीडर शहर समेत जिले और आसपास की मांग को पूरा कर रहे है। डॉग की कीमत 8 हजार से लेकर 75 हजार रुपये तक है। इसके शॉप और सामग्री का कारोबार लाखों रुपये में पहुँच गया है। आनेवाले समय मे छिन्दवाड़ा विदेशी नस्ल का हब बन जाएगा।
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इनका कहना है..
छिन्दवाड़ा में विदेशी नस्ल के डॉग के शौकीनों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सबसे भरोसेमंद वफादार प्राणी है। ग्रामीण इलाकों में यह खेत-मकानों की सुरक्षा करता है।
-डॉ. डीके मौर्य, पशु चिकित्सक छिन्दवाड़ा।
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पशु संगणना में श्वानों की स्थिति
17 वी-68945
18वी-40117
19वी-18390
संख्या में कमी-54.16 प्रतिशत
नोट-जून-जुलाई 19 में 20वी पशु संगणना हुई है। जिसके आंकड़े एक साल बाद घोषित होंगे। जिसमे श्वानों की संख्या घटकर 12 हजार होने के आसार है।
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