राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की भर्ती प्रक्रिया पर लगाया भेदभाव का आरोप
- जिलास्तरीय और विकासखंड स्तरीय योग्यता को लेकर उठे सवाल

छिंदवाड़ा/ मप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला एवं विकासखंड स्तरीय रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जिसमें योग्यता और विभागीय कर्मचारियों को दिए जा रहे अवसर पर सवाल उठाए जा रहे है तथा एनएचएम पर भेदभाव के आरोप लगाए जा रहे है।
- संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने संशोधन की रखी मांग
साथ ही भर्ती प्रक्रिया के नियमों में आवश्यक सुधार की मांग संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा की जा रही हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि जिलास्तरीय पद जैसे डीपीएम (जिला कार्यक्रम प्रबंधक), डीसीएम (जिला कम्यूनिटी मोबिलाइजर) तथा डीएएम (जिला लेखा प्रबंधक) के लिए एक विभागीय कर्मचारियों को अवसर दिया गया है।
वहीं विकासखंड स्तरीय पदों के लिए ओपन प्रक्रिया से आवेदन मांगे जा रहे है तथा विभागीय कर्मचारियों को आयु सीमा में भी छूट नहीं दी जा रही है। ऐसे में जो कर्मचारी पिछले दस से बारह वर्ष से विभाग में सेवा दे रहे हैं, उन्हें भर्ती प्रक्रिया में अवसर नहीं मिल सकेगा। साथ ही डीपीएम पद के लिए एमएसडब्ल्यू योग्यता को मान्य किया गया है, जबकि विकासखंड स्तरीय पद जैसे बीपीएम (विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक) की भर्ती के लिए एमएसडब्ल्यू मान्य नहीं किया गया है।
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