गांव में एक बैनर भी लगाया नक्सलियों को शक था की सुरेश पुलिस के लिए मुखबरी का काम करता था और इलाके में होने वाले नक्सलियों की हलचलों को पुलिस से साझा करता था। हत्या के बाद नक्सलियों ने गांव में एक बैनर भी लगा दिया जिसमें सुरेश को मुखबिर करार दिया गया है। इस बैनर में पुलिस की मुखबरी करने वालों को इसी तरह सजा देने की बात भी नक्सलियों द्वारा इस बैनर में कहीं गर्ग है। गुरुवार सुबह जब ग्रामीण घरों से बाहर निकले तो उन्हें सुरेश की लाश और बैनर दिखाई दिया। बीते दो दिनों में अकेले धानोरा तहसील में नक्सलियों ने तीन लोगों को मौत के घाट उतारा है। इस तरह की सिसिलेवार हत्याओं की वजह से तहसील में दहशत का माहौल बन चुका है।
चलाया जा रहा सांझा अभियान ज्ञात हो कि मप्र, छग और महाराष्ट्र की पुलिस नक्सली उन्मूलन के लिए सांझा अभियान चला रही है। नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एक-दूसरे को सूचनाएं प्रदान करने के साथ सघन गश्ती की जा रही है। इसके बावजूद नक्सली नित वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।