पटवारी के दर्शन नहीं होते
हल्का क्षेत्र में रहने वाले किसानों का कहना है कि पटवारी राजकुमार डेहरिया के क्षेत्र में गम्भीरता से ड्यूटी नहीं करते। वे आए और कहां सर्वे कर के चले गए आधे किसानों को तो पता ही नहीं चला। हल्का क्षेत्र में उनके बैठने का कोई स्थान नहीं है। महीने में एक दो बार वे आते हैं। पटवारी को अपने क्षेत्र में निवास करना चाहिए, लेकिन वे छिंदवाड़ा से आना-जाना करते हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि पटवारी को किसान ढंूढ़ते रहते हैं। दो दिन पहले एक किसान जानूजी डोंगरे के गेहूं में आग लग गई और पूरा गेहूं जलकर स्वाहा हो गया। पटवारी को इसकी भनक तक नहीं है। किसानों का कहना है कि पटवारी को यहां से हटाने के लिए वे कलेक्टर के पास जाने वाले हैं।
दूसरी टीम ने किया है सर्वे
&उक्त क्षेत्र में सर्वे के लिए अलग-अलग चार टीमें बनीं थीं। मैं उस हल्के का पटवारी हूं लेकिन इस बार मैं बेलखेड़ा में सर्वे कर रहा था। वहां पर तहसीलदार के निर्देश पर दूसरी टीम ने सर्वे किया है। वैसे प्राकृतिक आपदा के 12 घंटे के भीतर ही सर्वे के लिए खेतों में कर्मचारी पहुंच गए थे, अधिकारियों की निगरानी में जो सर्वे हुआ है वह सही है। नुकसान के प्रतिशत के हिसाब से ही मुआवजे के प्रकरण बने हुए हैं।
राजकुमार डेहरिया, पटवारी