27 बिन्दुओं पर पालन करना अनिवार्य
जुलाई माह में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने सभी स्कूल वाहन संचालकों को पत्र जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 27 बिन्दुओं पर जारी गाइडलाइन का पालन कराने के लिए निर्देशित किया था। इसके बावजूद भी अधिकतर स्कूल वाहन नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
जुलाई माह में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने सभी स्कूल वाहन संचालकों को पत्र जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 27 बिन्दुओं पर जारी गाइडलाइन का पालन कराने के लिए निर्देशित किया था। इसके बावजूद भी अधिकतर स्कूल वाहन नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी की है यह गाइडलाइन
-स्कूल बस पीला रंग में होना चाहिए।
-वाहन के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। अगर किसी एजेंसी से अनुबंध कर ली गई हो तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए
- प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना चाहिए।
- परिवहन विभाग से स्वीकृत स्पीड गवर्नर होना चाहिए
-प्रत्येक वाहन में आग बुझाने के उपकरण होना चाहिए।
-स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
- सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।
-प्रत्येक बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।
- बस में कंडक्टर, टीचर, माता-पिता या पालक में से कोई एक बच्चों की देखभाल के लिए जरूर होना चाहिए।
- स्कूल प्रशासक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल वाहन में आपातकालीन निकास द्वार स्थापित हो।
-जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है।
-परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए।
- इमरजेंसी सायरन एवं अलार्म बेल होना चाहिए।
-इसके अलावा अन्य बिन्दुओं को लेकर नियम बनाए गए हैं।
-स्कूल बस पीला रंग में होना चाहिए।
-वाहन के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। अगर किसी एजेंसी से अनुबंध कर ली गई हो तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए
- प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना चाहिए।
- परिवहन विभाग से स्वीकृत स्पीड गवर्नर होना चाहिए
-प्रत्येक वाहन में आग बुझाने के उपकरण होना चाहिए।
-स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
- सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।
-प्रत्येक बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।
- बस में कंडक्टर, टीचर, माता-पिता या पालक में से कोई एक बच्चों की देखभाल के लिए जरूर होना चाहिए।
- स्कूल प्रशासक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल वाहन में आपातकालीन निकास द्वार स्थापित हो।
-जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है।
-परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए।
- इमरजेंसी सायरन एवं अलार्म बेल होना चाहिए।
-इसके अलावा अन्य बिन्दुओं को लेकर नियम बनाए गए हैं।
इनका कहना है...
अभियान चलाया जा रहा है। समय-समय पर जांच की जा रही है। आगे भी अभियान जारी रहेगा।
निशा चौहान, एआरटीओ, छिंदवाड़ा