जब नर्सिंग स्टूडेंट से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह प्रथम वर्ष की छात्राएं हैं तथा स्टाफ के कहने पर उक्त कार्य कर रही हंै। इधर, निजी नर्सिंग कॉलेज की प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान वार्ड में अनावश्यक भीड़ लगाई गई तथा आराम कर रहे मरीजों को परेशान किया गया। गौरतलब है कि वर्तमान में मौसमी बीमारियों के चलते जिला अस्पताल के वार्ड क्षमता से अधिक संख्या में भरे हुए हैं। एेसे में निजी नर्सिंग होम संचालक अनावश्यक बाधा डालते हैं।
मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा की गाइडलाइन के अनुसार जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत प्रत्येक दिन एक वार्ड का नम्बर आता है, जिसमें उस दिन आने वाले सभी मरीजों को भर्ती किया जाता है। जबकि इसके पूर्व बीमारी के आधार पर डीवीडी, मेडिकल व सर्जिकल विभाग में भर्ती किया जाता था।