इधर मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतेंद्र यदुवंशी ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट निर्देश का स्वागत किया तथा सरकार से अपेक्षा की है कि 90 प्रतिशत वेतन वृद्धि का भी शीघ्र लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि अप्रेजल और पद समाप्ति की वजह से छिंदवाड़ा से 17, जबकि प्रदेश से 700 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को निकाल दिया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विभिन्न पदों पर 19 हजार संविदा स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत है।
42 दिन का कटाया वेतन – मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर कई बार आंदोलन किया, जिसमें उन्हें आंदोलन अवधि करीब 42 दिन का वेतन भुगतान नहीं किया गया था। संविदा स्वास्थ्य संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व में किए गए संघर्ष को ध्यान में रखते हुए 90 प्रतिशत वेतन दिए जाने की मांग पर राहत देने की अपील की है।