पीडि़तों का कहना है कि सोनोग्राफी के लिए एक-एक महीने की तारीख दी जा रही है, जबकि मरीज को नौवां महीना प्रक्रिया में है। एेसे में जब तक जांच की तारीख आएगी तब तक तो डिलेवरी भी हो जाएगी। मामले में कुछ पूछो तो चिकित्सा अधिकारी-कर्मचारियों का रवैया भी उचित नहीं होता है।
जिला अस्पताल के गायनिक विभाग में सोमवार और मंगलवार दो दिन गर्भवतियों की जांच तथा आवश्यक उपचार का दिन निर्धारित है। जिसके कारण उक्त दिनों में गायनिक विभाग में सामान्य से अधिक भीड़ होती है।
पहले से अधिक हो गए रेडियोलॉजिस्ट – मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा से सम्बद्धता के बाद जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्टों की संख्या में भी बढ़ोतरी तो हुई, लेकिन सोनोग्राफी मशीन आज भी दो ही संचालित है। इसकी वजह से गर्भवतियों की जांच के अलावा रोशनी क्लीनिक, प्रतिमाह की नौ तारीख को लगने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य शिविर में भी उक्त जांच नहीं हो पाती है।