छिंदवाड़ा

मन से कोई एंटीबाइटिक खाना सेहत के लिए घातकए, जानें वजह

– दवाओं का अधूरा कोर्स विषाणुओं का बनाता है मजबूत

छिंदवाड़ाNov 24, 2020 / 12:21 pm

Dinesh Sahu

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छिंदवाड़ा/ डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी एंटी बायोटिक दवाओं का सेवन सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। इतना ही नहीं डॉक्टरों द्वारा लिखा गया दवाओं का कोर्स भी पूरा करना आवश्यक है, नहीं तो शरीर में अधमरे विषाणु खत्म होने की जगह और मजबूत हो जाते है तथा विषाणु स्वयं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा लेता है। इस वजह से एंटी बायोटिक दवा खाने से मरीज की सामान्य बीमारी भी ठीक नहीं होती है और मौत हो जाती है। बताया जाता है कि एंटी बायोटिक की वजह से विश्व में सात करोड़ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इतना ही नहीं पिछले बीस वर्ष में नवीन कोई एंटी बायोटिक दवा भी नहीं बन सकी है। जिला अस्पताल के डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि डॉक्टरों को पता होता है कि मरीज के उपचार के लिए क्या और कितनी डोस देनी है। इसलिए मरीजों को फूल डोज का कोर्स करना चाहिए तथा लम्बे समय तक उपयोग करने से दवाओं का असर भी खत्म होने लगता है। डॉ. दुबे ने बताया कि पंजीकृत डॉक्टरों की पर्ची पर ही कैमिस्टों को भी दवा देनी चाहिए।

हैवी एंटीबायोटिक खुला बेचने पर लगे प्रतिबंध –


स्वास्थ्य विभाग द्वारा हैवी एंटी बायोटिक दवाओं को खुले में बेचने पर रोक लगाने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन को निर्देश भी जारी किए गए थे तथा खाद्य निरीक्षक को मेडिकल स्टोर्स की जांच करने के निर्देश दिए गए। बताया जाता है कि सर्दी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द आदि की दवाओं को लोग बिना सलाह के खा लेते है, जिससे किडनी, लीवर आदि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

आज है कार्यशाला –


एंटी बायोटिक दवाओं के उपयोग के संदर्भ में मंगलवार को सुबह 11 बजे से जिला अस्पताल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में विशेषज्ञ डॉक्टर सूक्ष्मता से एंटी डोस के संदर्भ में जानकारी प्रदान करेंगे।

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