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न परमिट मिला न ही ठिकाना, अब ‘सरकार’ का इंतजार

locationछिंदवाड़ाPublished: May 18, 2019 10:34:56 am

Submitted by:

prabha shankar

करीब आठ माह से खड़ी इन बसों में जंग लगने लगा

No permits found

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छिंदवाड़ा. सीएम कमलनाथ द्वारा लोकार्पण किए जाने के बाद भी 16 सूत्र बसों को संचालन परमिट जबलपुर आरटीओ कार्यालय से नहीं मिल पाया है। करीब आठ माह से खड़ी इन बसों में जंग लगने लगा है। इस बीच नगर निगम द्वारा उनके स्टॉपेज के लिए बस स्टैण्ड की जगह भी निर्धारित नहीं की गई है। इससे बस ऑपरेटर के लिए अलग उन्हें रखने की समस्या बन रही है।
पिछले साल 2018 के सितम्बर माह में राज्य शासन द्वारा नगर निगम को 16 नई सूत्र सेवा बसें दी गई थीं। इनमें दो बस बालाघाट, एक कटंगी, दो मंडला, दो डिंडोरी, चार जबलपुर, दो सारणी और दो उदयपुरा रूट के लिए प्रस्तावित की गई थीं। इनके परमिट के आवेदन नगर निगम द्वारा सम्भागीय परिवहन कार्यालय जबलपुर में किए गए थे। पहले छह अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने से इसके परमिट का निर्णय नहीं हो पाया।
फिर दिसम्बर में चुनाव परिणाम आने पर नई सरकार बनी तो जबलपुर आरटीओ में स्थायी अधिकारी न होने की समस्या बनी। इसके चलते परमिट की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। पिछले मार्च माह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले 28 फरवरी को मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन बसों का लोकार्पण किया। उस समय भी परमिट फाइनल न होने से बसों का संचालन नहीं हो सका। बीच में जरूर चौरागढ़ मेले और चुनाव के समय इन बसों को सडक़ पर देखा गया। फिलहाल बसों को जबलपुर आरटीओ से परमिट का इंतजार बना हुआ है।

बस स्टैंड नहीं हो पाया फाइनल:
इन सूत्र बसों के लिए नगर निगम द्वारा अभी तक बस स्टैण्ड फाइनल नहीं किया गया है। इससे इन बसों को किसी ऑपरेटर की निजी भूमि में रखना पड़ता है तो कहीं मैदान में जगह तलाशनी पड़ती है। खड़ी रखने पर इन बसों में जंग लगने लगा है। वहीं बस ऑपरेटर एजेंसी को टैक्स का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

आचार संहिता खत्म होने का इंतजार
नगर निगम के सहायक आयुक्त शशिकपूर गढ़पाले का कहना है कि जबलपुर सम्भागीय परिवहन कार्यालय से बस परमिट के आवेदन पर कार्यवाही अंतिम चरण पर है। छिंदवाड़ा के अलावा दूसरे जिलों की भी यही स्थिति है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने का इंतजार है। 23 मई के बाद परमिट आने पर इसका संचालन शुरू करा दिया जाएगा। फिलहाल शहरी और ग्रामीण रूटों पर 11 बसें संचालितहैं।

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