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No plastic: कितना तैयार हमारा शहर..और जानिए ये भी

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 18, 2019 12:11:05 pm

Submitted by:

manohar soni

गांधी जयंती से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध की तैयारियां शहर में जोर-शोर से शुरू,मैदान में उतरे निगम अधिकारी-कर्मचारी

No plastic: कितना तैयार हमारा शहर..और जानिए ये भी

No plastic: कितना तैयार हमारा शहर..और जानिए ये भी


छिंदवाड़ा/गांधी जयंती 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने की केन्द्र सरकार की घोषणा पर अमलीजामा पहनाने की तैयारी नगर निगम ने जोर-शोर से शुरू कर दी है। इसके लिए प्लास्टिक के विकल्प कपड़े की थैलियों और कागज के पैकेज स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से बनवाए जा रहे हैं तो वहीं व्यवसायियों को प्रतिदिन समझाइश दी जा रही है। निगम आयुक्त ने सभी स्वास्थ्य और राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों को मैदानी स्तर पर काम करने के लिए निर्देशित किया है।
निगम के अनुसार शहर में प्रतिदिन निकलनेवाले 64 टन कचरा में से करीब 4 टन कचरा प्लास्टिक थैलियों का होता है। इस प्लास्टिक को मवेशी खा रहे हैं। इससे उनकी मौतें भी हो रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक को कम करने के प्रयास वर्ष 2017 से प्रदेश सरकार के प्रतिबंध आदेश से किए जा रहे हैं। अब केन्द्र सरकार के निर्णय से इस पर काफी हद तक रोक लग जाएगी।

ये हैं प्रतिबंधित
200 मिली लीटर से छोटी पानी की बोतल और पाउच।
सभी तरह के प्लास्टिक थैलियां, जिनमें पॉलिप्रोपीलीन के बने हैंडल और बगैर हैंडल की थैलियां शामिल हैं।
थर्माकोल और प्लास्टिक से बनी डिस्पोजल बर्तन (थाली, प्लेट, ग्लास, चम्मच, कटोरी, आदि)।
प्लास्टिक फूड पैकेजिंग मटेरियल (होटलों द्वारा खाना पैक करने के लिए इस्तेमाल डिब्बे), स्ट्रॉ।
कंपोस्टेबल प्लास्टिक बैग।
थर्माकोल और प्लास्टिक से बने सजावटी सामान (इनमें प्लास्टिक के हार और अन्य तरह के सामान शामिल हैं)।

इनकी रहेगी अनुमति
200 मिली लीटर से ज्यादा बड़ी पानी की बोतल।
कवरिंग प्लास्टिक केवल स्पेशल एकॉनॉमिक जोन और एक्सपोर्ट इंडस्ट्रिज में निर्यात होने वाले माल को पैक करने के लिए।
ट्रेटा पैक, कार्ड बॉक्स से बने डिब्बे।
दूध की पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली 50 माइक्रॉन से ज्यादा मोटाई की पैकेजिंग प्लास्टिक (बनाने वाले के नाम और वापस खरीदे जाने की कीमत लिखी होने पर)।
किराना और खाने के सामान को सील करने वाली 50 माइक्रॉन से ज्यादा मोटाई और 2 ग्राम से ज्यादा वजन की पैकेजिंग प्लास्टिक (बनाने वाले के नाम और वापस खरीदे जाने की कीमत लिखी होने पर)।
कंपोस्टेबल प्लास्टिक थैलियां केवल खेती, उद्यानिकी और कचरा प्रबंधन के लिए।
प्लास्टिक और थर्माकोल के कवरिंग सामान, 50 माइक्रॉन से ज्यादा मोटाई और 20 फीसदी रिसाइकबल प्लास्टिक के साथ बनाने वाले के नाम और वापस खरीदे जाने की कीमत लिखी होने पर।

इन विकल्पों पर देना होगा ध्यान
कपड़े और कागज की थैलियों को घर से लेकर ही निकलें। तरल सामग्री दूध, दही आदि के लिए बर्तन का इस्तेमाल किया जाए।खाद्य सामग्री के लिए स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए।सजावट के लिए असली फूलों और पेड़ों का इस्तेमाल किया जाए। फाइबर के सजावटी सामान का इस्तेमाल किया जाए।
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ये होगी सजा
प्रतिबंधित सामान रखने, बेचने और इस्तेमाल करने पर पहली बार में 5 हजार, दूसरी बार में 10 हजार और तीसरी बार में 25 हजार जुर्माना और 3 माह की जेल की सजा का प्रावधान रहेगा।
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प्लास्टिक के स्थान पर होगा थैले व बर्तन का उपयोग
नगर निगम आयुक्त इच्छित गढ़पाले ने मटन मार्केट के सभी दुकानदारों के साथ निगम कार्यालय में बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि मटन मार्केट में अब प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद होगा। प्लास्टिक के स्थान पर मोटे कागज या कपड़े के थैले का प्रयोग किया जाएगा वही दुकानदारों ने अपने ग्राहकों को घरों से अपने साथ थैला और बर्तन लाने की प्रेरणा देने की बात भी कहीं। सभी दुकानदारो ने कहा कि अपनी दुकानों के सामने डस्टबिन अवश्य रूप से रखेंगे। बैठक में आयुक्त ने कहा कि रोड पर दुकानें नहीं लगाई जाए। उनके स्थान पर मार्केट के अंदर खाली पड़ी दुकानों को खुलवाकर दिया जाएगा। निगम द्वारा विशेष वाहन की सहायता से मार्केट का कचरा पृथक से उठाया जाएगा।

स्व-सहायता समूहों से बनवाए कागज के पैकेज
सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करने की दिशा में नगर निगम ने सभी स्वयं सहायता समूह से विकल्प के रूप में कागज के पैकेट और कपड़े के थैले बनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पेंशनर्स सदन में हुई कार्यशाला में आयुक्त ने सदस्यों को प्रेरित किया। सार्वजनिक कार्यक्रम में बर्तन बैंक का अधिकाधिक प्रयोग भी वार्डों में कराया जा रहा है।

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