मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल का मॉडल मेटर्निटी विंग मिशन लक्ष्य योजना के तहत अपग्रेड किया जा रहा है, जिसकी वजह से विभाग की व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया है। इस वजह से उक्त सेवाएं बाधित होने का दावा प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। दरअसल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को त्वरित लाभ दिलाने केउद्देश्य से छिंदवाड़ा समेत प्रदेश के समस्त जिला अस्पतालों में हेल्प डेस्क की शुरुआत की है।
इससे लाड़ली को जन्म लेने के बाद ही संस्था में ही पंजीयन कराया जा सकेगा। इससे हितग्राहियों को विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, लेकिन उचित मॉनिटरिंग और लचर व्यवस्था के चलते उक्त सेवाएं प्रभावित हैं।
मिलते हंै ये लाभ
लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत हितग्राही बालिकाओं को शासन की कई योजनाओं का लाभ मिलता है। इसके तहत कक्षा छठवीं में दो हजार रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। कक्षा नवमीं में चार हजार, कक्षा 11वीं और 12वीं में छह-छह हजार रुपए छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाते हैं। साथ ही 21 वर्ष की आयु में लाड़ली को एक लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत हितग्राही बालिकाओं को शासन की कई योजनाओं का लाभ मिलता है। इसके तहत कक्षा छठवीं में दो हजार रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। कक्षा नवमीं में चार हजार, कक्षा 11वीं और 12वीं में छह-छह हजार रुपए छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाते हैं। साथ ही 21 वर्ष की आयु में लाड़ली को एक लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है।
प्रतिदिन औसतन 13 बालिकाओं का जन्म जिला अस्पताल के मॉडल मेटर्निटी विंग में पिछले दस माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो ज्ञात होता है कि प्रति माह औसत 454 बालक तथा 408 बालिका का जन्म हुआ है। इसमें प्रतिमाह 458 शिशु मां-बाप की पहली संतान होती हैं। आंकड़ों के आधार पर प्रतिदिन औसत 13 बालिकाओं का जन्म हो रहा है, जिसमें से करीब 40 फीसदी लाड़ली योजना के तहत हितग्राही होते हैं।